Bihar Politics: अपने मकसद में कामयाब हो रहे उपेंद्र कुशवाहा! CM नीतीश के 'घर' में फिर डाली फूट, BJP को होगा फायदा?
Upendra Kushwaha News: उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में अपनी नई पार्टी आरएलजेडी बनाई है. नीतीश कुमार से अलग होने के बाद लव-कुश समीकरण भी बुरी तरह से बिगड़ चुका है.
पटना: आरएलजेडी नेता उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी को पूरी तरह से तोड़ने की दिशा में कार्य कर रहे. जेडीयू पार्टी में लगातार सेंधमारी करते हुए उनके कई सदस्य, कार्यकर्ता और नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करवा रहे. मंगलवार को भी जेडीयू के 18 कार्यकर्ताओं ने उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की पार्टी का दामन थाम लिया.
आरएलजेडी फिलहाल विरासत बचाओ नमन यात्रा कर रही. इस दौरान कुशवाहा जहां भी जाते वहां ही कई कार्यकर्ता उनकी पार्टी में शामिल हो जाते. ऐसे में कहा जा रहा कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी मकसद में कामयाब हो रहे जिससे बीजेपी को भी कहीं न कहीं फायदा हो सकता.
क्या है कुशवाहा का मकसद?
पूर्व जेडीयू नेता ने अपनी नई पार्टी बनाई है. नमन यात्रा के दौरान पार्टी में नए लोगों को जोड़ रहे हैं. इससे पार्टी को काफी हद तक मजबूती मिल रही. आरएलजेडी को मजबूत करने के लिए अपनी पुरानी और मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जेडीयू में ही सेंधमारी कर रहे. कुशवाहा वोट बैंक हमेशा से नीतीश कुमार के लिए फायदेमंद रहा है, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के पार्टी से अलग होने के बाद लगभग सभी कुशवाहा उनके विरोधी बन रहे हैं. जेडीयू के कई नेता आ आरएलजेडी का दामन थाम रहे तो इससे साफ है कि कुशवाहा अपने मकसद में कामयाब हो रहे. इसके पहले भी 50 से ज्यादा नेता कुशवाहा की पार्टी का दामन थाम चुके हैं. हालांकि इसे लेकर नीतीश कुमार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आती.
बीजेपी को मिलेगा फायदा
जिस तरह से नीतीश की पार्टी के लोग उनका दामन छोड़ कर कुशवाहा से हाथ मिला रहे उससे काफी कुछ साफ है. अगर इसी तरह उपेंद्र कुशवाहा अपनी यात्रा के तहत लोगों से मिलते रहे और लोगों का समर्थन मिलता रहा तो नीतीश कुमार के लिए ये बड़ा झटका होगा. ऐसा होता है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भी फायदा होगा. हालांकि देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में बीजेपी पहले से ही बिहार में छोटी पार्टियों को अपनी ओर करने में लगी हुई है. अमित शाह बार बार दौरे पर भी आ रहे. ऐसे में बिहार की राजनीति में उथल पुथल के कई कयास लगाए जा रहे.
इन नेताओं ने छोड़ा जेडीयू का साथ
आरएलजेडी में शामिल होने वाले 18 नेताओं में सतीश शर्मा (पूर्व जिला अध्यक्ष, किसान प्रकोष्ठ गया), राज किशोर सिंह (पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष, जेडीयू किसान प्रकोष्ठ), ई शशिकांत (पूर्व उपाध्यक्ष, शिक्षा प्रकोष्ठ, जेडीयू), डॉ. संजय कुमार (पूर्व प्रदेश महासचिव, किसान प्रकोष्ठ जेडीयू), मंजेश शर्मा (पूर्व प्रदेश महासचिव, किसान प्रकोष्ठ, जेडीयू), उने कुमार (पूर्व जिला महासचिव, पटना महानगर जेडीयू), विजय कुमार चौहान (पूर्व जिला महासचिव, पटना महानगर, जेडीयू), अभिनव नीरज, राहुल कुमार, अमरेंद्र कुमार (पूर्व प्रदेश महासचिव शिक्षा प्रकोष्ठ जेडीयू), राहुल राज पासवान, कौशलेंद्र मिश्र (पूर्व महासचिव, पटना महानगर जेडीयू), आदित्य सिंह, रमेश शर्मा, राहुल राज पासवान, अनिल नाग, विनोद चौहान शामिल हैं.
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