Upendra Kushwaha Yatra: उपेंद्र कुशवाहा आज से शुरू करेंगे 'विरासत बचाओ नमन यात्रा', नीतीश के लिए कितनी परेशानी?
Bihar Politics: कुछ दिन पहले ही जेडीयू से अलग होकर कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी बनाई है. उनकी यात्रा को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
पटना: जेडीयू से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) मंगलवार से विरासत बचाओ नमन यात्रा शुरू कर रहे. पश्चिम चंपारण के भितिहरवा से यात्रा की शुरुआत होगी जिसका समापन छह मार्च को सीवान में होगा. इस यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत 15 मार्च को पटना से होगी और समापन 20 मार्च को अरवल मे होगा.
हालांकि देखा जाए तो जिस तरह से यात्रा का नामकरण किया गया है उससे साफ है कि वो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. यात्रा के तहत विरासत बचाने की बात करेंगे. अब इस यात्रा से मुख्यमंत्री की टेंशन और ज्यादा बढ़ सकती है. उनको एक नए दल के विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है.
तेजस्वी को विरासत सौंपने को लेकर बवाल
जेडीयू से उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने का कारण हैं तेजस्वी यादव. नीतीश कुमार ने पहले ही कई दफे आरजेडी के नेता बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बिहार की कमान सौंपने की बात कही है. उनकी ये बात जेडीयू के कई नेताओं को ठीक नहीं लगी कि नीतीश कुमार ऐसे कैसे अपनी विरासत किसी अन्य पार्टी के हाथ में सौंप सकते हैं. क्या जेडीयू में कोई इस लायक नहीं था? कुशवाहा ने उस डील की भी बात कही थी जिसमें नीतीश-तेजस्वी के बीच उनको मुख्यमंत्री बनाने की डील हुई थी. उधर, ललन सिंह की बातों से भी कई दफे लगा कि वो भी इससे नाखुश हैं.
कैसे बढ़ेगी नीतीश कुमार की टेंशन?
बिहार में लव कुश का समीकरण नीतीश कुमार के लिए एक अच्छा वोट बैंक साबित हुआ है. इस यात्रा से उपेंद्र कुशवाहा कुर्मी और कुशवाहा समाज दोनों को ही संदेश देने वाले हैं. अपने एक बयान में उन्होंने ये भी कहा है कि वो अपने साथ कुर्मी को भी जोड़ने की कोशिश करेंगे. नीतीश कुमार कुर्मी नेता हैं, इधर, उनका जबरदस्त वोट बैंक है, अगर ऐसे में कुशवाहा ने उनके इस वोट बैंक में सेंधमारी की तो वो मुश्किल में पड़ जाएंगे. कुशवाहा को वो पहले ही नाराज कर चुके हैं. बिहार में उनके चुनाव जीतने के पीछे अब तक या पहले के चुनावों को देखा जाए, तो कुर्मी-कुशवाहा वोट बैंक बेहद अहम रहा है. कुल मिलाकर यात्रा मुख्यमंत्री की टेंशन बढ़ाने वाली है.
जेडीयू में टूट
उपेंद्र कुशवाहा के जाने के बाद नीतीश कुमार का कुशवाहा वोट बैंक तो उनके साथ ही जाएगा. पार्टी के कई कार्यकर्ता भी उनसे छूट गए. वैसे ही उनकी पार्टी अब पहले के मुकाबले सिमट सी गई है. हालांकि नीतीश कुमार अब केंद्र की पारी खेलने की होड़ में हैं. ये भी एक कारण बताया जा रहा कि वो तेजस्वी को सीएम पद के लिए आगे कर रहे. कुशवाहा ने तो वैसे ही कई दफे अपने बयान में कहा है कि जेडीयू में अब कुछ नहीं बचा है. जो फिलहाल वहां लोग हैं उनको अपने भविष्य की चिंता करनी चाहिए. समाजवादियों की विरासत खतरे में है और उनको ही आगाह करने के लिए वो इस यात्रा को निकाल रहे हैं.
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