पटना: बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) पार्टी वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. वो बिहार में एनडीए सरकार के दौरान उद्योग मंत्री भी रहे थे. देखा जाए तो हुसैन एक खुशमिजाज व्यक्ति हैं. एक अच्छे नेता होने के साथ साथ वह एक अच्छे पति भी हैं. खुद मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने के बावजूद भी उन्होंने एक हिंदू परिवार की कन्या से अपनी आंखें चार कर ली थी. शाहनवाज हुसैन की पत्नी का नाम रेणु है. दोनों की प्रेम गाथा कॉलेज में पढ़ाई के दौरान शुरू हुई थी जो कि आगे चलकर शादी में भी बदली. मजहब की दीवार लांघकर नेता ने एक हिंदू लड़की से विवाह किया था.
कॉलेज में दिल दे बैठे थे शाहनवाज
किस्सा उस वक्त का है जब 1986 में शाहनवाज ग्रेजुएशन कर रहे थे. वह दिल्ली के पूसा एग्रीकल्चर कॉलेज में थर्ड ईयर के स्टूडेंट थे और रेणु उसी कॉलेज में हायर सेकंडरी की पढ़ाई कर रही थीं. इस दौरान ही नेता की रेणु से आंखें चार हो गई. कॉलेज के दौरान रेणु बस से आया जाया करती थीं. शाहनवाज हुसैन पर इस कदर इश्क का रंग चढ़ा कि उनकी एक झलक पाने के लिए वह रोज उसी बस से ट्रेवल करने लगे जिससे रेणु करती थीं. इस दौरान एक दिन उनको साथ में बैठने का मौका मिला जिसके बाद दोनों में बातचीत शुरू हो गई.
बस में पनपने लगी लव स्टोरी
शाहनवाज को प्यार का एहसास हुआ तो उन्होंने रेणु को प्रपोज किया. रेणु के जन्मदिन पर ग्रीटिंग कार्ड में इजहार-ऐ इश्क किया, लेकिन रेणु ने उस वक्त मना कर दिया. फिर भी प्यार में हुसैन ने हार नहीं मानी और किसी भी तरह अपने इश्क़ को मुकम्मल करने की ठान ली. शाहनवाज हुसैन ने धीरे-धीरे रेणु के घर पर आना जाना शुरू कर दिया और काफी फैमिलियर हो गए. इस दौरान रेणु को अहसास हुआ और उन्होंने भी इश्क का इजहार कर दिया. अब क्योंकि दोनों के बीच मजहब दीवार बनकर खड़ी हो गई. दोनों ने शादी का वादा तो किया, लेकिन परिवार वालों की रजामंदी से किया.
नौ साल बाद इश्क हुआ मुकम्मल
इधर, दोनों के घरवाले भी उनके रिश्ते से हिचकिचाने लगे. प्रेमी जोड़े ने कोशिश फिर भी जारी रखी और साल 1994 में पूरे नौ साल बाद उन्होंने परिवार वालों की रजामंदी से शादी कर ली. शादी के बाद उनके दो बच्चे हुए. दोनों बेटे हैं जिनका नाम आदिल और अरबाज है. राजनीतिक गलियारे में ये कपल आइडियल कपल माना जाता है. शाहनवाज हुसैन को भी लोग काफी पसंद करते हैं. वो एक अच्छे और सुलझे हुए नेता हैं. शादी के बाद हर त्योहार दोनों साथ में मनाते हैं. ईद से लेकर दिवाली तक की रौनक उनके घरों में होती है.