बगहा: बिहार के बगहा में कई महीनों से लोगों की जान ले रहे आदमखोर बाघ का खेल शनिवार को खत्म हो गया. वन विभाग की टीम और स्पेशल टीम कई दिनों से उसे पकड़ने के लिए लगी थी. इसके बाद जब वह हाथ नहीं आया तो मारने का आदेश जारी हो गया था. शुक्रवार को ही आदेश जारी हुआ था कि आदमखोर बाघ को मार दिया जाए. बीते छह महीनों में यह बाघ नौ लोगों की जान ले चुका हैं. वहीं एक शख्स जख्मी है.


गन्ने के खेत में छुपा था बाघ


बताया जा रहा है कि बाघ को मारने के लिए दो शार्प शूटर को बुलाया गया था. इनके साथ वन विभाग की टीम और एसटीएफ की टीम थी. इसके बाद जब टीम खोजने निकली तो पता चला कि बाघ गन्ने के खेत में छुपकर बैठा है. गन्ने के खेत में आदमखोर बाघ छुपता फिर रहा था इसी दौरान शार्प शूटर ने बाघ को देखते ही चार गोली मारी. मौके पर ही बाघ की मौत हो गई.






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अब तक नौ लोगों को मार चुका था बाघ


बता दें कि इस आदमखोर बाघ ने लोगों क्षेत्र के लोगों का जीना मुहाल कर दिया था. लोग डर के साए में जी रहे थे. आज शनिवार की सुबह ही बाघ ने मां-बेटे पर हमला किया और दोनों को मार दिया. घटना गोवर्धन थाना के बलुआ गांव की है. मृतकों की पहचान बलुआ गांव के स्व. बहादुर यादव की पत्नी सिमरिकी देवी और उसके सात साल के बेटे शिवम कुमार के रूप में की गई थी. इसके पहले यह बाघ सात लोगों की जान ले चुका था.


इसके पहले बीते शुक्रवार को ही वन विभाग के अधिकारियों ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) से बाघ को शूट करने का आदेश मांगा था. एनटीसीए ने तुरंत मारने का आदेश दे दिया था. इसके बाद टीम लगातार खोज में लगी थी और आज मौका मिलते ही बाघ को मार गिराया.


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