Exclusive: सत्ता पलट के कयासों पर CM नीतीश के करीबी नेता ने लगाया विराम, कहा- 'आसानी से नहीं टूटेगा 17 साल पुराना संबंध'
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा, " मुलाकात के दौरान बिहार जेडीयू के संचालन के संबंध में बात हुई. पार्टी को मजबूत करने के लिए क्या किया जा सकता है इसपर चर्चा हुई. अन्य किसी तरह की बातचीत फिलहाल नहीं हुई है."
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) रविवार को अचानक पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह (Vashishtha Narayan Singh) के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे. पहले आरजेडी (RJD) की इफ्तार पार्टी, फिर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात, उसके बाद बंगले की शिफ्टिंग और अब करीबी नेता से मुलाकात. बीते 48 घंटों में मुख्ममंत्री के इन चार फैसलों ने सूबे का सियासी पारा चढ़ा दिया है. सवाल केवल एक ही कि मुख्यमंत्री के मन में क्या है? क्या वे फिर से कोई बड़ा निर्णय लेने वाले हैं?
संगठन के संबंध में करने आए थे बात
इन सवालों का जवाब जानने के लिए एबीपी ने जेडीयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह से बात की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, " मुख्यमंत्री संगठन से संबंधित बातें करने आए थे. वहीं, मैं बीते दिनों अस्पताल में अपनी जांच कराने गया था. इसकी उन्हें जानकारी थी, इसलिए वो हाल समाचार भी लेने आए थे. मैंने उनसे कहा था कि मैं मिलने आउंगा. इस पर उन्होंने कहा था कि आप रहने दें, मैं खुद ही आऊंगा."
सिंह ने कहा, " मुलाकात के दौरान बिहार जेडीयू के संचालन के संबंध में बात हुई. पार्टी को मजबूत करने के लिए क्या किया जा सकता है इस पर चर्चा हुई. अन्य किसी तरह की बातचीत फिलहाल नहीं हुई है."
जेडीयू-बीजेपी के रिश्ते में खटास नहीं
क्या बीजेपी (BJP) नेता सुशील मोदी (Sushil Modi) के केंद्र की राजनीति में जाने के बिहार एनडीए (Bihar NDA) के घटक दलों के रिश्ते में खटास उत्पन्न हो गया है? इस सवाल के जवाब में नेता ने कहा, " सुशील मोदी के रहते हुए मधुर संबंध थे, जो दिखता भी था. लेकिन वर्तमान के भी डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) या बीजेपी अन्य नेता जो हैं, जिन्होंने बयान दिया है, उसमें कोई खटास नजर नहीं आ रही है. उन्होंने तो कह भी दिया है कि वो आगे भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही काम करना चाहते हैं."
आसानी से नहीं टूटेगा 17 साल पुराना संबंध
क्या बिहार एनडीए फिर से बिखर जाएगा? इस सवाल के जवाव में उन्होंने कहा कि इक्के दुक्के बयान से निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. 17 सालों का हमारा रिश्ता है, इसमें इतनी आसानी से दरार नहीं आने वाला है. बातों को जोड़ने का प्रयास मत करिए. इफ्तार पार्टी में बीजेपी के लोग भी गए थे. इसे राजनीतिक चश्में से न देखें. हमारा स्टैंड जो आरजेडी को लेकर रहा है, वही रहेगा. हमारा उनसे कोई रिश्ता नहीं है. उन बातों में कोई दम नहीं है.
क्या नीतीश केंद्र की राजनीति में जाएंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने क्लियर कर दिया है कि उन्हें कहीं नहीं जाना है. न उन्हें इसमें कोई रुचि है, ना ऐसा कोई इरादा. जब उन्होंने कह दिया तो फिर सवाल कहां उठता है. अब जो उम्मीदवार बनेगा उनका हम समर्थन करेंगे क्योंकि हम एनडीए के पार्ट हैं.
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