(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar News: बिना इंटरव्यू लिए ही वापस लौटने की शख्स ने बताई वजह, कहा- मैं सारी स्थिति समझ गया था, इसलिए...
Bihar News: इंटरव्यू देने के बजाय तेज प्रताप ने वेद से कैमरा और माइक बाहर रखकर दो मिनट के लिए अंदर आने को कहा. ये सुनते ही उन्होंने स्थिति भांप ली और अपने कैमरामैन से वापस चलने को कहा.
पटना: हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के कोप का बुधवार को शिकार हुए निजी पोर्टल के पत्रकार वेद प्रकाश ने पूरे मामले में अपना पक्ष रखा है. उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के आवास पर इफ्तार पार्टी थी, जिसमें वो शामिल होने के लिए गए थे. वहां पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rizwan) से उनकी बात हो रही थी. इसी बीच तेज प्रताप का कॉल आया कि वे इंटरव्यू देना चाहते हैं. ऐसे में वो मौजूदा राजनीतिक परीपेक्ष्य को देखते हुए इंटरव्यू लेने निकल पड़े.
वेद ने तेज प्रताप से किया था ये सवाल
वेद ने बताया कि तेज से मिलकर उन्होंने पूछा कि वे उनसे नाराज तो नहीं क्योंकि उन्होंने बीते दिनों उनके खिलाफ खबर चलाई थी. इस पर तेज ने नाराज नहीं होने की बात कही. लेकिन इसके बाद उन्होंने इंटरव्यू देने के बजाय उनसे कैमरा और माइक बाहर रखकर दो मिनट के लिए अंदर आने को कहा.
वेद की मानें तो ये सुनते ही उन्होंने स्थिति भांप ली और अपने कैमरामैन से कहा कि गाड़ी में चलिए स्थिति ठीक नहीं लग रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि जो आदमी अपनी पार्टी के एमएलसी उम्मीदवार के साथ मारपीट कर सकता है, पार्टी के बागी नेता के साथ मारपीट कर सकता है तो वो किसी के भी साथ मारपीट कर सकता है.
दलितों की आवाज दबाना चाहते हैं तेज प्रताप
पत्रकार ने कहा, " जहां तक लालू यादव की बात है तो वे दलितों की आवाज हैं. बाबा साहब के लिखे संविधान को उन्होंने बिहार में लागू कराने का काम किया. दबे-कुचलों को उन्होंने आवाज देने का काम किया. सामाजिक न्याय के लिए उनके योगदान को याद किया जाएगा. लेकिन उनके बड़े बेटे दलित की आवाज को दबाना चाहते हैं. दलित के साथ गुंडागर्दी करना चाहते हैं. लेकिन वो एक विधायक हैं, जनता ने उन्हें माननीय बनाया है. ऐसी हरकतें करके वो खुद अपनी गरिमा को गिरा रहे हैं."
वेद ने कहा, " तेज प्रताप की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. ऐसा इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसे लोगों से खौफ हो जाता है. उन्होंने आज मेरे साथ ऐसा किया, कल वो किसी और साथ भी ऐसा कर सकते हैं. मैंने लालू यादव की ही तरह दलितों, पिछड़ों, वंचितों के लिए आवाज उठाने का काम किया है. इसके बावजूद ऐसा करना गलत है."
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