नालंदाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के गृह जिले नालंदा के वेन प्रखंड की नोहसा पंचायत से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर को देखकर बिहार में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है. नोहसा पंचायत के बुल्ला बिगहा में एक झोपड़ी में यहां सरकारी स्कूल चल रहा है. खास बात ये भी है कि बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार (Rural Development Minister Shrawan Kumar) भी इसी प्रखंड से हैं.
बताया जाता है कि इस स्कूल के भवन के लिए जमीन का आवंटन किया गया है लेकिन अभी तक स्कूल बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है. किसी तरह से एक झोपड़ी बनाकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चे पढ़ाई करते हैं. बच्चों को झोपड़ी में जमीन पर बैठाकर ही पढ़ाया जाता है. कहा जा रहा है कि इस स्कूल में बच्चों की संख्या 70 के आसपास है, लेकिन भवन के अभाव में बच्चे जमीन पर बैठकर किसी तरह पढ़ते हैं. शौचालय की जरूरत पड़ी तो बच्चे खेत में जाते हैं.
बारिश में टपकता है पानी
इस जुगाड़ तकनीक से चल रहे स्कूल में पीने के पानी तक की सुविधा नहीं है. पानी के लिए बच्चे गांव के चापाकल का उपयोग करते हैं. यदि कभी बारिश हो जाए तो बच्चों को सिर छुपाने की जगह नहीं मिलती. झोपड़ी में ऊपर से पानी टपकने लगता है. जमीन गीली हो जाती है. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि शिक्षा व्यवस्था को लेकर जिले में यहां किस तरह की स्थिति है.
गांव के लोगों ने कहा कि यह व्यवस्था आज की नहीं है. सात-आठ साल से बच्चे ऐसे ही पढ़ रहे हैं. सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला और ग्रामीण विकास मंत्री का गृह प्रखंड है फिर भी सरकार की नजर यहां नहीं है. इसके चलते जमीन पर बैठकर बच्चे शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं.
मीडिया में खबर आने के बाद व्यवस्था
इधर, मीडिया में खबर चलने के बाद आनन-फानन में जिला शिक्षा पदाधिकारी केशव प्रसाद ने गुरुवार को लेटर जारी किया. इसकी जानकारी दी गई कि नव प्राथमिक विद्यालय बुल्ला बिगहा का अपना भवन नहीं है इसके कारण अब अगले आदेश तक इसे उत्क्रमित मध्य विद्यालय अमिया ने शिफ्ट किया जाता है. अब यहीं पठन-पाठन किया जाएगा.
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