पटनाः बिहार में शराबबंदी कैसे सफल हो इसको लेकर लगातार नई-नई कोशिश की जा रही है. बुधवार को बिहार सरकार ने अपने शराबबंदी कानून में संशोधन किया है. इस विधेयक पर बिहार विधान परिषद में चर्चा हो ही रही थी कि इसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बोलने के लिए उठ गए. उन्होंने कहा कि अगर कोई राष्ट्रपिता बापू की भावना को नहीं मानता है तो वह हिंदुस्तानी नहीं है. वो भारतीय तो है ही नहीं. काबिल भी नहीं है, वो महाअयोग्य और महापापी है.


आगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अगर कोई राष्ट्रपिता बापू की बात को भी नहीं सुनता है और नहीं समझता है तो उसका क्या मतलब. इसलिए इस बात को देखना चाहिए और प्रचार करना चाहिए. दारू का कितना बुरा असर है ये लोगों को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि शराबबंदी से सब्जी की बिक्री बढ़ी है. पहले इतना सब्जी का उत्पादन नहीं होता था लेकिन आज हो रहा है. पहले शराब पीने में लोग पैसा बर्बाद करते थे. अगर वे शराब पीने में पैसा बर्बाद नहीं करेंगे तो अच्छे काम होंगे. आज उनके घर में अच्छा भोजन हो रहा है. महिलाओं से पूछें.






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शराबबंदी को लेकर फिर हमलावर हुआ आरजेडी


सदन में ही बुधवार को आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि वो भी जानते हैं कि शराबबंदी अच्छी है. लोगों से पूछें तो वे भी कहेंगे कि हां शराब नहीं पीना चाहिए. कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जो शराब को अच्छा कह दे, लेकिन हमारा नशाबंदी कानून सफल नहीं हो पाया. केके पाठक जो बिहार के बहुत अच्छे पदाधिकारियों की श्रेणी में आते हैं उनको भी इस विभाग में पदस्थापित किया गया ये भी प्रशंसा की बात है, लेकिन यह कहना चाहता हूं कि जो वर्ष 2016 में शराब पीते थे वो अपनी जमीर पर हाथ रख कर बता दे कि वो अब शराब नहीं पीते हैं.


सुनील सिंह ने कहा कि भले वो शख्स बिहार में शराब ना पिए लेकिन अन्य राज्यों में जाकर सेवन करेगा. आज बिहार उड़ता पंजाब की ओर जा रहा है. पंजाब, महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा चरस और गांजा की खपत बिहार में है. शिक्षकों के साथ जीविका दीदी को भी शराब पकड़ने में लगाया जाए क्योंकि वो घर-घर की बात जानती हैं. 


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