आराः भोजपुर जिले के कोईलवर थाना क्षेत्र के राजापुर दियारा के कामलुचक बालू घाट पर एक बार फिर बालू माफिया की बंदूकें गरजीं. अवैध बालू खनन और वर्चस्व में बैंक कर्मी सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. शुक्रवार की शाम इस घटना के बाद गांव और आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई है. घटना की सूचना मिलते ही भोजपुर एएसपी सह सदर एसडीपीओ हिमांशु और कोईलवर थाना पुलिस बल मौके पर पहुंची. दोनों शवों को लेकर आरा सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले की छानबीन में जुट गई है.


मृतकों में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के बेलभरिया गांव निवासी खेदु का 34 वर्षीय पुत्र दुर्गेश है. वह पेशे से क्लर्क था और वर्तमान में आरा के नवादा थाना क्षेत्र के जज कोठी स्थित मणिपुरम बैंक में क्लर्क के रूप में कार्यरत था. दूसरा मृतक मूल रूप से पटना जिले के नौबतपुर थाना क्षेत्र के नौबतपुर निवासी जगपति नारायण शर्मा का 40 वर्षीय पुत्र संजीत कुमार है. वह वर्तमान में नवादा थाना क्षेत्र के रामनगर चंदवा हाउसिंग मोहल्ले में रहता था.






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मृतकों के मित्र दीपक सिंह ने बताया कि उनके पार्टनर कामेश्वर राय का कोईलवर थाना क्षेत्र के राजापुर गांव दियारा स्थित कामलुचक बालू घाट का टेंडर हुआ था. उसी बालू घाट का शुभारंभ करने को लेकर सभी लोग कामलुचक बालू घाट पर पूजा करवा रहे थे जहां करीब ढाई सौ की संख्या में लोग पूजा में शामिल होने आए हुए थे. उसी समय दूसरे पक्ष के 50 की संख्या में लोग वहां आ धमके और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे. फायरिंग होते ही लोगों के बीच भगदड़ मच गई. तभी भगदड़ में भागने के दौरान दोनों लोगों की गोली लग गई जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई.


मृतकों के घर में मचा कोहराम


घटना के बाद सभी अपनी जान बचाकर कोईलवर थाना पहुंचे और इसकी जानकारी दी. इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंची. मृतकों के मित्र दीपक सिंह ने वर्चस्व कायम रखने और अवैध बालू खनन को लेकर सत्येंद्र पंडित नाम के व्यक्ति और उसके अन्य साथियों पर गोली मारकर हत्या करने और कई राउंड फायरिंग करने का आरोप लगाया है. घटना के बाद मृतकों के घर में कोहराम मच गया है.


जिले 53 घाटों में से अभी भी 18 बंद


बता दें कि बीते साल एक मई से ही जिले में बालू खनन पर रोक के बाद पिछले माह से ही बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई है. जिस घाट पर यह वारदात हुई है, उस पर वैध रूप से अब तक तीन ट्रैक्टरों का ही चालान कटा है. इससे जाहिर है कि उक्त घाट पर अवैध खनन के लिए वर्चस्व को लेकर ही घटना हुई है. जिले के 53 बालू घाटों में से 18 घाट अब भी बंद पड़े हैं.


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