पटना: बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह पर मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) लिखा हुआ भाषण पढ़ने में अटकते दिखे. तेजस्वी के भाषण के दौरान सबकी नजर उनके अटकने पर टिक गई. कई शब्दों को वो ठीक से नहीं पढ़ पा रहे थे. तेजस्वी को भाषण के लिए चार मिनट मिला था. ऐसा लग रहा था कि तेजस्वी यादव पीएम मोदी के सामने मंच पर नर्वस हो गए थे. अपने भाषण में वे करीब छह बार अटके.


तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी से मांग करते हुए कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया जाए. उन्होंने अपने भाषण में बिहार में स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी खोलने की भी मांग की और कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है इसलिए इसका संदेश पूरे देश में जाना चाहिए. स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी जैसी संस्था से लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन शोध का अवसर और प्रशिक्षण मिल सकेगा. 






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भाषण के दौरान इन लाइनों में अटके तेजस्वी



  • अतः मैं आपसे आग्रह करता हूं कि School of Democracy & Legislative Studies जैसी एक संस्था बिहार में स्थापित हो.

  • इसी प्रांगण में हम जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की आदमकद प्रतिमा के बगल में बैठे हैं.

  • समाज के हर वर्ग की आबादी के अनुसार, भागीदारी और हिस्सेदारी से ही लोकतंत्र समृद्ध और समावेशी होगा.


जेडीयू और बीजेपी ने क्या कहा?


वहीं दूसरी ओर तेजस्वी के भाषण को लेकर बीजेपी और जेडीयू ने उन पर तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव लिखा हुआ भाषण नहीं पढ़ सके. बिहार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे साफ दिख रहा कि वो अशिक्षित हैं. उनको पढ़ाई करने की जरूरत है. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि आज साबित हो गया कि तेजस्वी यादव की राजनीति अनुकंपा के आधार पर है. उनकी खूबी यही है कि लालू के पुत्र हैं. उनकी विरासत संभालने की कोशिश कर रहे हैं. भाषण पढ़ते समय लड़खड़ाना दिखाता है कि उनके अंदर आत्मबल की कमी है.


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