पटना: बिहार की एनडीए सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की तैयारी शुरू कर दी है. वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी (Awadh Bihari Choudhary) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए एनडीए के कई विधायकों ने विधानसभा के सचिव को नोटिस दिया है. अगर वे खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को बहुमत से हटाने को तैयारी होगी. आइए समझिए कि विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की क्या प्रक्रिया होती है. क्या नियम हैं.
14 दिन का समय देने का है नियम
लंबे समय से पटना साहिब विधानसभा के विधायक रह चुके बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव कहते हैं कि जो बहुमत में रहता है वह विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए सचिव को नोटिस भेजता है. हालांकि इस पर तुरंत विचार होने का प्रावधान नहीं है. इसके लिए 14 दिन का समय देने का कानून बना हुआ है. इससे पहले विजय कुमार सिन्हा को भी 14 दिन का समय दिया गया था.
14 दिन बाद एनडीए से होगा विधानसभा अध्यक्ष
नंदकिशोर यादव ने कहा कि पहले से जो पांच फरवरी से विधानसभा सत्र की तारीख तय थी वह अब रद्द हो जाएगी. 14 दिन के बाद एनडीए का विधानसभा अध्यक्ष बनेगा. बता दें कि एनडीए गठबंधन के पास 128 विधायक हैं तो विपक्षी महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं. ऐसे में यह तय है कि अविश्वास प्रस्ताव होते हैं तो विधानसभा अध्यक्ष बदल जाएंगे. इस्तीफा नहीं देने पर 10 या 11 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव की तिथि निकाली जा सकती है.
बता दें कि इससे पहले 2022 में 10 अगस्त को नई सरकार का गठन हुआ था. 24 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ था जिसमें संख्या बल कम होने के कारण विजय कुमार सिन्हा को इस्तीफा देना पड़ा था. वही स्थिति एक बार फिर होने वाली है. विधानसभा अध्यक्ष के इस्तीफा देने के बाद नए विधानसभा अध्यक्ष के लिए पहले नामांकन की प्रक्रिया होगी. इसके बाद नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. राज्यपाल नामांकन से लेकर चुनाव की तिथि निर्धारित करेंगे.
यह भी पढ़ें- नीतीश कुमार के यूटर्न के बीच बिहार पहुंची राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा', क्या कुछ बोले?