(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Vidhan Sabha: सदन पहुंचे स्पीकर लेकिन नहीं आए नीतीश, विजय कुमार सिन्हा ने इशारों-इशारों में सब 'समझा' दिया
Bihar Vidhan Sabha: बुधवार को स्पीकर ने सदन में आसन तो ग्रहण किया लेकिन आहत दिख रहे थे. उन्होंने अटल जी की कविता को सुनाया और कई बातें कहीं.
पटनाः बिहार विधानसभा में स्पीकर और मुख्यमंत्री के बीच तीखी बहस के बाद बुधवार को फिर सदन में कार्यवाही शुरू हुई. स्पीकर विजय कुमार सिन्हा पहुंचे लेकिन नीतीश कुमार नहीं पहुंचे. स्पीकर ने सदन में आसन ग्रहण किया लेकिन आहत दिख रहे थे. सदन में उन्होंने कहा कि बीते दिनों जो कुछ हुआ उसे सदन की गरिमा के लिहाज से बिल्कुल उचित नहीं कहा जा सकता. हमारा आज आने वाले कल का इतिहास है.
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इतिहास की दृष्टि बड़ी तीक्ष्ण एवं बारीक होती है. हमारा आज का आचरण और व्यवहार जब इतिहास बन जाता है तब उसे गलत या सही साबित करने के लिए मौजूद हम नहीं होते हैं. इसलिए हम वर्तमान के व्यवहार को नियम कायदे और मर्यादा की परिसीमा में रखें तो आने वाला समय हमें याद रखे न रखे पर हमसे नजरें चुराने को मजबूर न होगा. राजनीति की रपटीली राहों में फूल भी हैं, शूल, धूल, गुलाब, कीचड़, चंदन भी है और उनमें से किसी से भी अपना दामन बचाकर नहीं चल सकते. मैंने अपने सार्वजनिक जीवन को इसी सरलता, साफगोई से जीने की कोशिश की है. बीते दिनों सदन में जो भी कुछ हुआ वैसा दोबारा न हो इस संकल्प को लेके आगे बढ़ना है. अंत में उन्होंने अटल जी की कविता को सुनाया.
उजियारे में, अंधकार में
कलह कहार में, बीच धार में
घोर घृणा में, पूत-प्यार में
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक
अरमानों को ढलना होगा
कदम मिलाकर चलना होगा..
क्या था पूरा मामला?
14 मार्च को कानून व्यवस्था को लेकर सदन में नीतीश कुमार एवं स्पीकर विजय सिन्हा की बहस हुई थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि आप संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. नीतीश ने स्पीकर पर जमकर निशाना साधा था. इसके बाद स्पीकर नाराज हो गए थे. विजय कुमार सिन्हा मंगलवार को सदन में भी नहीं आए. नीतीश के रुख से बीजेपी विधायकों में भी नाराजगी थी. आरजेडी ने भी नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है लेकिन मंगलवार की रात डैमेज कंट्रोल की कोशिश हुई. नीतीश ने स्पीकर से मुलाकात की. गतिरोध खत्म करने की कोशिश हुई. स्पीकर मान भी गए. बुधवार को सदन में आए. आसन ग्रहण किया, लेकिन इशारों-इशारों में अपने संदेश में बहुत कुछ कह दिया.
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