पटना: बीजेपी के मार्च के दौरान पुलिस की लाठीचार्ज के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोल रही है. वहीं, इस पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बड़ी चालाकी से पहले तो आरजेडी (RJD) के सदस्यों को विधानसभा के अंदर पिटवाया और अब उन्होंने बीजेपी (BJP) के सदस्यों को सदन के बाहर पिटवाया है. आरजेडी मुख्यमंत्री के इस खेल को समझ चुकी है लेकिन सत्ता के मोह में कुछ करने में असमर्थ है. उन्होंने मांग की कि विधायिका का अपमान करने वाली इस सरकार का शीघ्र इस्तीफा हो. लाठीचार्ज हेतु जिम्मेदार पदाधिकारियों की पहचान कर उनके विरूद्ध संज्ञान लेकर विधानसभा के अध्यक्ष को विशेषाधिकार समिति के माध्यम से कार्रवाई करनी चाहिए.


'आरजेडी सदन में विधायकों का अपमान भूल गई है'


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आरजेडी सत्ता के मोह में वर्ष 2021 में सदन में विधायकों का अपमान भूल गई है. वर्ष 2021 में सदन में विधायको के साथ मारपीट की घटना घटी थी, उस विषय पर आरजेडी द्वारा समर्पित विशेषाधिकार हनन की सूचना को स्वीकार करते हुए उन्होंने बैठक की थी और कुछ सरकारी कर्मी निलंबित भी किए गए थे. विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष ने भी उस समय विशेषाधिकार हनन के आवेदन पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अध्यक्ष का पद संभालने के बाद वे उस विषय को भूल चुके हैं.


नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से की है ये मांग


बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष ने 13 जुलाई 2023 को विधानसभा मार्च के दौरान विधायकों के साथ पुलिस द्वारा मारपीट और विधानसभा जाने से रोकने के विरूद्ध बिहार विधानसभा के अध्यक्ष-सचिव को विशेषाधिकार हनन की सूचना दी है और अनुरोध किया है कि इसे स्वीकृत करते हुए लाठी चार्ज हेतु जिम्मेदार पदाधिकारियों विरूद्ध विशेषाधिकारी हनन का अवमाननावाद चलाया जाए.


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