पटना: बिहार में कास्ट सेंसस (Caste Census)को लेकर राजनीतिक पारा हाई हो चुका है. शनिवार से गिनती शुरू हो चुकी है. इधर, नेताओं के ताबड़तोड़ बयान आने भी शुरू हैं. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से सवाल करते हुए कहा कि नीतीश जी बता दें कि आजादी के 75 साल के इतिहास में अब तक जाति के आधार पर गणना क्यों नहीं हुई? केंद्र ने कई गरीबों के लिए दर्जनों योजना शुरू की. केंद्र जाति मुक्त समाज और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना चाहती थी. इधर, नीतीश कुमार जाति के नाम पर समाज को लड़वाने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 32 सालों से दोनों भाइयों ने मिलकर बिहार में कास्ट सेंसस क्यों नहीं कराया?
‘500 करोड़ खर्च करने की क्या है प्लानिंग’
विजय सिन्हा ने शनिवार को ट्विटर पर वीडियो जारी करते हुए कहा कि जाति के बजाए केवल आर्थिक जनगणना करवाकर समाज को तोड़ने से बचाया जा सकता है. समरस समाज की परिकल्पना कभी भी जाति में बांट कर पूरी नहीं की जा सकती है. क्षेत्रीय पार्टियां केवल अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहती है. अपना उल्लू सीधा करना चाहती हैं. जातीय जनगणना कराना चाहते हैं तो जरूर कराएं, लेकिन 500 करोड़ का गरीबों को क्या लाभ मिलेगा? नीतीश कुमार अपनी राजनीति के लिए बिहार की गरीब जनता के साथ गलत कर रहे हैं. यहां छात्र लाठियां खा रहे. बीएसएससी छात्रों, शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए क्या कर रहे हैं. बिहार में जब विकास की गति बढ़ानी है तो बिहार को प्रदूषित करना चाहते हैं. जो लोग बिहार के बाहर हैं और जिन लोगों ने पलायन किया है उनकी भी जनगणना करानी चाहिए.
‘32 साल से दोनों भाई क्या कर रहे थे’
विजय सिन्हा ने कहा कि 32 साल से दोनों भाई क्या कर रहे थे? तब से क्यों नहीं बिहार में जातीय जनगणना कराया. बिहार के लोगों का भविष्य खराब कर रहे. 500 करोड़ का जो खर्च है वो किस प्लानिंग से कर रहे हैं. इस बात की जानकारी और प्लान बताएं. लोगों को इससे क्या लाभ मिलेगा. समाज को लड़ाने के लिए नीतीश कुमार का ये मिशन है. दोनों भाई अब तो बिहार को बख्श दीजिए.