Vijayadashami 2021: विजयदशमी के मौके पर बिहार के इस मंदिर में क्यों जुटे हजारों किसान? बहने लगी दूध की नदियां
मंदिर में श्रद्धालु बड़े-बड़े बाल्टी और कमंडल में भरकर दूध लेकर पहुंचते हैं और साथ ही झाल बजाने वाले को भी लेकर आते हैं. सबसे खास बात है कि दूध चढ़ाने के बाद वह बर्बाद नहीं होता है.
हाजीपुरः एक तरफ किसान आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी बिहार के एक मंदिर में किसान विजयदशमी पर दूध की नदियां बहा रहे हैं. चौंकिए मत, ऐसा कर यह किसान कोई विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे बल्कि अपनी श्रद्धा से दूध चढ़ाकर भगवान की पूजा कर रहे हैं. दरअसल, बिहार के हाजीपुर में ऐसा मंदिर जहां विजयदशमी के दिन पूरे बिहार के किसान इस मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं और दूध का भाड़ा चढ़ावा चढ़ाते हैं. इस मंदिर में बिहार से हजारों की संख्या में मवेशी पालने वाले किसान दूध लेकर पहुंचते हैं और यहां दूध की नदियां बहती हैं.
दरअसल, यह मंदिर बिहार के वैशाली जिले में पानापुर लंगा गांव में स्थित है. यह मंदिर बाबा भूमिया स्थान के नाम से प्रचलित है. इस मंदिर में बिहार के मवेशी पालने वाले किसानों की आस्था जुड़ी हुई है. मवेशी पालक किसानों का कहना है कि इस मंदिर से उनकी मन्नत पूरी होती है. उनके पशु सुरक्षित रहें इसलिए वे लोग इस मंदिर में दूध का चढ़ावा चढ़ाने के लिए पूरे बिहार से पहुंचते हैं.
सबसे खास बात, बर्बाद नहीं होता दूध
इस मंदिर में श्रद्धालु बड़े-बड़े बाल्टी और कमंडल में भरकर दूध लेकर पहुंचते हैं और साथ ही झाल बजाने वालों को भी लेकर आते हैं. ऐसा इसलिए करते हैं कि मवेशी सुरक्षित रहें. इस मंदिर में लाखों लीटर दूध विजयदशमी के दिन चढ़ाया जाता है. जिससे लोग कहते हैं कि इस मंदिर में आज के दिन दूध की नदियां बहती हैं. खास बात है कि दूध चढ़ाए भी जाते हैं और वह बर्बाद भी नहीं होता है. मंदिर संचालकों का कहना है कि यहां आज के दिन लाखों लीटर दूध का चढ़ावा होता है. इस मंदिर में तीन-चार पाइप लगे हैं. इसके रास्ते से दूध आता है और लोगों के बीच कम कीमतों में बेच दिया जाता है और इस पैसे से मंदिर निर्माण और गरीब लोगों में खर्च के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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