पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में विजयादशमी के दिन मंगलवार को रावण पुतला दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. गांधी मैदान में 70 फीट का रावण का पुतला , 65 फीट का मेघनाथ का पुतला और 60 फीट के कुंभकर्ण के पुतला को शाम में दहन किया गया. रावण दहन कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा शहर के गांधी मैदान के आस-पास इलाकों के यातायात रूट को बदल दिया गया था. पूरे शहर में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी. इसको लेकर गांधी मैदान में पानी, टॉयलेट और अस्पताल की भी व्यवस्था की गई थी. वहीं, कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, सीएम नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, मंत्री तेज प्रताप यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, बीजेपी के सांसद रवि शंकर प्रसाद मौजूद रहे.
गांधी मैदान की तरफ जाने वाले हर रास्ते को ब्लॉक किया गया
पटना के गांधी मैदान में इस बार रावण दहन कार्यक्रम को धूमधाम से किया गया. बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हुए रावण दहन किया गया. वहीं, इस कार्यक्रम को लेकर अगले 2 घंटे तक गांधी मैदान की तरफ जाने वाले हर रास्ते को ब्लॉक किया गया है. इस रूट से सिर्फ वीआईपी गाड़ियों और पासधारी गाड़ियों को जांच कर जाने की अनुमति दी जाएगी. अभी सिर्फ गांधी मैदान से लोग वापस आएंगे. इस दौरान जिलाधिकारी और एसएसपी लगातार व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
राज्यपाल और सीएम ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया
बता दें कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना के गांधी मैदान में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी के मौके पर श्री रामलीला महोत्सव एवं रावणवध समारोह-2023 का दीप प्रज्जवलित कर विधिवत उद्घाटन किया. श्री श्री दशहरा कमिटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस रावण दहन कार्यक्रम में सबसे पहले आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया. मुख्यमंत्री ने गुब्बारा उड़ाकर राज्य में शांति एवं सौहार्द्र कायम रखने का संदेश दिया. इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने श्रीराम, एवं श्री लक्ष्मण के स्वरूप को तिलक लगाकर उनकी आरती की. इसके बाद बारी-बारी से बुराई के प्रतीक कुंभकरण, मेघनाद एवं रावण का पुतला दहन किया गया.
वहीं, गांधी मैदान में जिले से हजारों हजारों की संख्या में महिला-पुरुष रावण दहन कार्यक्रम को देखने पहुंचे थे. इसे देखने के लिए काफी भीड़ जुटी हुई थी. बता दें कि पिछले साल रावण जलने से पहले ही गिर गया था.
ये भी पढ़ें: Vijayadashami 2023: रोहतास में 'डिजिटल' होंगे लंकेश, हंसेंगे-बोलेंगे और हिलेंगे भी फिर रिमोट से होगा दहन