बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की रणनीति को लेकर छिड़ी बहस के बीच विकासशील इन्सान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा है कि वह दो ही व्यक्ति को चिराग समझते हैं, नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार. महागठबंधन छोड़ एनडीए में वापसी करने वाले वीआईपी के नेता मुकेश सहनी बीजेपी कोटे से मिली 11 सीटों से पूरी तरह संतुष्ट हैं.
पटना में बीजेपी नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एबीपी न्यूज से बात करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन में उनके साथ धोखा हुआ और उनकी पीठ में खंजर घोंपा गया, लेकिन पिछड़ा समाज से आने वाले प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने उनकी पीठ पर मरहम लगाया. उन्हें विधानसभा की 11 सीटें और विधान परिषद की 1 सीट दी गई जो उनकी पार्टी के हिसाब से पर्याप्त है. साथ ही खूब सम्मान भी मिला.
बीजेपी का साथ दिया
मुकेश सहनी ने कहा कि उन्होंने राजनीति में कदम रखते ही बीजेपी का साथ दिया. बाद में निषाद जाति को अति पिछड़ा से अनुसूचित जाति श्रेणी में आरक्षण के मुद्दे पर उतावलेपन में अलग हुआ. लालू यादव से प्रभावित होकर महागठबंधन में शामिल हुआ लेकिन आरजेडी अब तेजस्वी की पार्टी बन गई है. सहनी ने कहा कि तेजस्वी ने उनसे उपमुख्यमंत्री पद और 25 सीटों का वादा करने के बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका एलान नहीं किया. इसलिए उन्होंने वहीं महागठबंधन छोड़ने का एलान कर दिया.
अमित शाह ने दिया ऑफर
इसके बाद दिल्ली जाकर बीजेपी नेताओं से अपनी मुलाकात के बारे में बताते हुए वीआईपी के नेता ने बताया कि अमित शाह ने साथ में आने का ऑफर करते हुए कहा कि देश और राज्य के लिए अच्छा काम कीजिए. सहनी के मुताबिक अमित शाह ने कहा "आपकी लड़ाई को समय आने पर अंजाम तक पहुंचाया जाएगा. देश का प्रधानमंत्री पिछड़ा का बेटा है. नीतीश जी भी पिछड़ा हैं. इन्हें मजबूत कीजिए."
आरजेडी पर साधा निशाना
मुकेश सहनी ने कहा कि जब तेजस्वी गठबंधन में नहीं सुन रहे थे तो सरकार में आने के बाद क्या सुनते! हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में आरजेडी का नेतृत्व बदला तभी वह उनसे दोबारा हाथ मिलाने की बात सोचेंगे. सहनी ने कहा "तेजप्रताप के मन मे घमंड नहीं है. तेजस्वी खुद को मुख्यमंत्री समझते हैं जबकि उनका संघर्ष कुछ भी नहीं है."
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के पास काफी अनुभव है. अगले पांच साल नीतीश कुमार के साथ काम सीखेंगे. सहनी ने कहा कि निषाद जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने की कोशिश करेंगे साथ ही बिहार के देश भर में टॉप पर लाना उनका लक्ष्य है.
देश में मोदी और बिहार में नीतीश
बिहार चुनाव में चिराग पासवान की रणनीति पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुकेश सहनी ने कहा कि मैं दो ही व्यक्ति को चिराग समझता हूँ, देश में मोदी और बिहार में नीतीश. रामविलास पासवान आदरणीय हैं लेकिन चिराग जब हमारे गठबंधन में नहीं हैं तो उनकी बात नहीं करूंगा. मैं पूरी तरह एनडीए के साथ हूँ. हालांकि चिराग पासवान अपनी राजनीति करने के लिए स्वतंत्र हैं.
सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी
आपको बता दें कि खुद को 'सन ऑफ मल्लाह' बताने वाले 39 साल के मुकेश सहनी ने करीब 6 साल पहले बिना राजनीतिक दल बनाए मुम्बई से सीधे बिहार की राजनीति में इंट्री ली थी. लोकसभा चुनाव 2014 और विधानसभा चुनाव 2015 में वह बीजेपी के साथ थे. लेकिन 2018 में पार्टी बनाने के बाद विपक्ष के महागठबंधन में शामिल हुए और 2019 लोकसभा चुनाव आरजेडी, कांग्रेस के साथ लड़ा. लोकसभा में तीन सीट पर चुनाव लड़ने के बाद उनकी पार्टी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है.
मुंबई में करते फिल्मों के सेट बनाने का काम
18 साल की आयु में ही घर छोड़ कर कमाने के लिए मुंबई गए सहनी वहां फिल्मों के सेट बनाते थे. इस काम से उन्हें खूब पैसा कमाया और उसी की बदौलत कम समय मे बिहार की राजनीति में उनका बड़ा नाम हो चुका है. शुरू में मल्लाह जाति की राजनीति करने वाले मुकेश सहनी अब पूरे अति पिछड़े समाज की बात करते हैं. जिनकी बिहार में करीब 15 फीसदी आबादी है. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी सहनी को अति पिछड़ों का नेता बता दिया. सच्चाई भी है कि इस वर्ग के बीच मुकेश सहनी लोकप्रियता बढ़ रही है और इसीलिए उनका राजनीतिक कद भी.
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