प्रशांत किशोर को देश का दूसरा भगत सिंह बताने लगे उनके गांव के लोग, गिरफ्तारी पर जताया विरोध
Prashant Kishor News: प्रशांत किशोर के पैतृक गांव के लोगों ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी को जबरन उठाना लोकतंत्र का अपमान है. गांव का हर व्यक्ति उनके साथ खड़ा है.
Prashant Kishor News: 70वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान से आमरण अनशन शुरू करने के बाद जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर सुर्खियों में बने हुए हैं. बीते सोमवार (06 जनवरी) को उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि कोर्ट से बिना शर्त जमानत मिल गई थी. पुलिस के इस एक्शन से प्रशांत किशोर के पैतृक गांव रोहतास के कोनार में लोगों के बीच आक्रोश दिखा.
कोनार गांव में पीके के पैतृक निवास की देखरेख करने वाले केदार पांडेय ने मीडिया से में कहा कि प्रशांत किशोर इस देश के दूसरे भगत सिंह हैं. छात्रों के भविष्य के लिए वह अपनी जान की कुर्बानी देने को भी तैयार हैं. उनका संघर्ष केवल छात्रों के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए है. उन्होंने यह भी बताया कि गांव का हर व्यक्ति उनके साथ खड़ा है और जरूरत पड़ी तो पूरा राज्य उनके समर्थन में सड़कों पर उतर सकता है.
'पुलिस की कार्रवाई को बताया साजिश'
केदार पांडेय ने पुलिस की कार्रवाई को साजिश करार देते हुए कहा कि यह कदम प्रशांत किशोर और उनके आंदोलन का मनोबल तोड़ने की कोशिश है. प्रशांत किशोर इन हरकतों से डरने वाले नहीं हैं और अपने आंदोलन को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाएंगे. गांव के एक अन्य निवासी उमेश पांडेय ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ जाकर किसी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी को जबरन उठाना लोकतंत्र का अपमान है. उन्होंने आगे कहा कि यह कार्रवाई न केवल प्रशांत किशोर के प्रति अन्याय है बल्कि उन लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिनके हित में यह आंदोलन किया जा रहा है.
'हर हाल में प्रशांत किशोर के साथ खड़े रहेंगे'
बता दें कि प्रशांत किशोर का बचपन कोनार गांव में ही बीता है. हालांकि अब वह अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहते हैं, लेकिन उनका गांव से गहरा जुड़ाव है. जब भी वह गांव आते हैं तो बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद लेना और गांव की समस्याओं पर ध्यान देना नहीं भूलते. इस बार भी उनके गांव के लोग उनके संघर्ष को पूरी तरह समर्थन दे रहे हैं. कोनार गांव के लोग यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे हर हाल में प्रशांत किशोर के साथ खड़े रहेंगे.
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