NHI और प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों ने निकाला आक्रोश मार्च, उचित मुआवजा नहीं देने का लगाया आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनके जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, वे जमीन खाली नहीं करने देंगे. उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी से लेकर सभी पदाधिकारियों के पास उन्होंने इस मामले में गुहार लगाई है. लेकिन कोई उनकी बातों को सुनने वाला नहीं है.
कैमूर: बिहार के कैमूर जिले के दुर्गावती में शनिवार को ग्रामीणों ने एनएचआई और जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला. दरअसल, सिक्स लेन बनाने के लिए एनएचआई द्वारा एनएच-2 के किनारे बने मकानों और जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. इस बाबत दुर्गावती बाजार में निर्मित मकानों को तोड़ने का एनएचआई ने अल्टीमेटम दे रखा है. वहीं, लोगों को मकानों को खाली करने का निर्देश जारी किया गया है, लेकिन ग्रामीण एनएचआई के इस आदेश को तुगलकी फरमान करार दे रहे हैं.
इस संबंध में स्थानीय महिला ने बताया कि उसका पति नहीं है, एक बड़ी बेटी है जिसकी शादी करनी है. प्रशासन मुआवजा भी नहीं दे रहा है. अगर प्रशासन उनके मकान को तोड़ देगी तो वो बच्चों को लेकर कहां जाएगी, बच्चों का लालन-पालन कैसे करेगी?
ग्रामीण बताते हैं कि एनएचआई उन्हें मकानों का उचित मुआवजा नहीं दे रहा है. वहीं, जिला प्रशासन भी एनएचएआई का सहयोग करते हुए बुलडोजर चलाने की बात कहता है. जो मकान व्यवसायिक है उसका आवासीय मुआवजा दिया जा रहा हैं. उन्होंने बताया कि इस स्थिति में भी अभी तक न तो मुआवजा मिला और ना ही रेखांकन हुआ कि उन लोगों का कितना जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनके जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, वे जमीन खाली नहीं करने देंगे. अब प्रशासन चाहे बुलडोजर चलाए या गोली चलाए वे उनके सभी दमनकारी कार्रवाई को सहने के लिए तैयार हैं. उनका कहना है कि जिलाधिकारी से लेकर सभी पदाधिकारियों के पास उन्होंने इस मामले में गुहार लगाई है. लेकिन कोई उनकी बातों को सुनने वाला नहीं है.