ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, मूलभूत सुविधा नहीं मिलने से नाराज लोगों ने वोट बहिष्कार की दी चेतावनी
ग्रामीणों का कहना है कि जब भी चुनाव आता है, नेता जी गांव में वोट मांगने के लिए आते हैं और विकास का वादा करते हैं. सब यही कहते हैं हमें वोट दीजिए हम जीतेंगे तो आपकी समस्याएं दूर कर देंगे. लेकिन आज 30 सालों से हम लोग रोड की समस्या को झेल रहे हैं.
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कैमूर: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए वोट बहिष्कार का बैनर गांव के मुख्य द्वार पर लगाना शुरू कर दिया है. सरकार न्याय के साथ विकास की बात करती है, लेकिन अभी भी कई गांव ऐसे हैं जो विकास से कोसों दूर हैं. ऐसे में नाराज ग्रामीणों ने सरकार को चुनाव में वोट बहिष्कार की चेतावनी दी है.
30 सालों में नहीं बना रोड
ताजा मामला जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लेबदहां गांव का है, जहां से बीजेपी के विधायक अशोक सिंह चुनाव जीत कर विधायक बने हैं. 500 घरों वाला लेबदहां गांव में सड़क नहीं है. ना ही जल निकासी का कोई प्रबंध हो पाया है. पिछले 30 सालों से ग्रामीण ऐसे ही हालात देख रहे हैं, जिस कारण मजबूर होकर इस बार उन्होंने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया है.
केवल चुनाव के समय करते हैं वादे
ग्रामीणों का कहना है कि जब भी चुनाव आता है, नेता जी गांव में वोट मांगने के लिए आते हैं और विकास का वादा करते हैं. सब यही कहते हैं हमें वोट दीजिए हम जीतेंगे तो आपकी समस्याएं दूर कर देंगे. लेकिन आज 30 सालों से हम लोग रोड की समस्या को झेल रहे हैं. यहां तक कि घरों से निकलने वाले पानी के निकासी की भी व्यवस्था नहीं है.
पूरे गांव का है यही फैसला
ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं. अब हम लोगों ने मन बना लिया है कि अगर हम लोगों के गांव का सड़क नहीं बनेगा, तो हम लोग किसी भी परिस्थिति में वोट देने नहीं जाएंगे. यह किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि इस गांव के 500 घरों में रहने वाले लोगों का फैसला है क्योंकि समस्याएं सबको हो रही हैं.
आखिर हमलोग क्यों दें वोट
उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के मौसम में पढ़ने वाले बच्चों और बीमार लोगों को झेलना पड़ता है. इस आधुनिक युग में भी जैसे-तैसे खाट पर टांग कर हम बीमार लोगों को अस्पताल ले जाते हैं. हम लोगों की मूलभूत समस्याओं का किसी को ध्यान नहीं है तो हम लोग आखिर अपना वोट क्यूं दें ?
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