पटना: लोकसभा चुनाव का वक्त जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है बिहार में अलग-अलग तस्वीर दिख रही है. रविवार (20 अगस्त) को बीजेपी एमएलसी हरि सहनी (Hari Sahani) को विधान परिषद का नेता प्रतिपक्ष बनाया गया. ऐसे में सवाल उठने लगा कि क्या हरि सहनी को लाकर बीजेपी कहीं मुकेश सहनी का काट तो नहीं खोज रही है? चाहे जो भी कारण हो लेकिन वीआईपी सुप्रीमो ने इसको लेकर रविवार (20 अगस्त) को बड़ा बयान दिया है.


विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने बीजेपी की ओर से हरि सहनी को बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर बधाई दी. इसके पीछे की वजह को भी सहनी ने साफ किया. कहा कि 'निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा' से घबराकर बीजेपी ने हरि सहनी को ये दायित्व दिया है. वीआईपी के प्रमुख ने रविवार को फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा- "निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा' से घबराकर बीजेपी ने आपको (हरि सहनी जी) ये दायित्व दिया है. यह आप भी भली-भांति जानते हैं."


वीआईपी सुप्रीमो ने हरि सहनी को याद दिलाई शपथ


पूर्व मंत्री ने बीजेपी नेता को यह याद कराते हुए आगे लिखा- "ये भी याद रहे कि ये दायित्व जो आपको मिला है, वो निषाद समाज के जागृति की वजह से मिला है. इस बात का ध्यान रहे कि आप ऐसा कुछ न करें जिसके कारण समाज के आरक्षण की लड़ाई खत्म हो." एक वीडियो के जरिए वीआईपी के नेता ने हरि सहनी को उनकी शपथ भी याद दिलाई. उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि आपने ईश्वर एवं अपने पूर्वजों को साक्षी मानकर शपथ ली थी कि विकासशील इंसान पार्टी का हर निर्णय के साथ रहूंगा.


हरि सहनी को लेकर बीजेपी का जो भी प्लान हो लेकिन पार्टी में जिम्मेदारी मिलते ही सियासी गलियारे में सहनी बनाम सहनी को लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है. बता दें कि हरि सहनी दरभंगा के जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारी भी रह चुके हैं. 2015 में दरभंगा की बहादुरपुर विधानसभा सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन आरजेडी के भोला यादव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2022 में बीजेपी ने रिक्त पद पर एमएलसी बनाया था.


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