गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में वायरल फीवर के बढ़ते मरीजों को देखते हुए डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान करने का निर्देश दिया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों की सर्वे कर पहचान करने के लिए आशा को जिम्मेदारी सौंपी है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने बताया कि इस अभियान में आशा ज्वर पीड़ित लोगों, कोविड और क्षय रोग के लक्षण से युक्त व्यक्तियों, नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग वाले ऐसे लोगों को चिह्नित करेंगी, जिन्होंने कोविड टीके की पहली खुराक भी नहीं ली है. 


पल्स ऑक्सीमीटर से जांच 


उन्होंने बताया कि शहरी और ग्रामीण इलाके में घर-घर सर्वे के लिए माइक्रो प्लान के अनुसार टीमों का गठन किया गया है. प्रत्येक सर्वेक्षण टीम में दो सदस्य होंगे. टीम सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक भ्रमण कार्य करेगी. पल्स पोलियो अभियान की तरह टीम प्रत्येक घर पर चॉक से दिनांक अंकित करेंगी. सर्वे के दौरान किसी घर में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन का कोई रोगी मिलता है, तो उसकी पल्स ऑक्सीमीटर से जांच की जाएगी और इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को दी जायेगी. इसके बाद एंबुलेंस के माध्यम से रोगी को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा. 


इन पर होगा फोकस


सर्वेक्षण टीम का फोकस मुख्यतः इन बिंदुओं पर होगा-


-बुखार पीड़ित व्यक्ति
-कोविड के लक्षण युक्त व्यक्ति
-क्षय रोग के लक्षण युक्त व्यक्ति
-नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चे
-45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कोविड टीके की पहली खुराक नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्ति