Bihar Police: मधुबनी में युवक की हत्या का वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीण आक्रोशित, पुलिस से दौड़ा-दौड़ा कर की हाथापाई
Madhubani News: मधुबनी में युवक की हत्या मामले को लेकर ग्रामीण और पुलिस में झड़प हुई, जिसमें ग्रामीणों ने दौड़ा-दौड़ा कर पुलिस कर्मी के साथ हाथापाई की, इसके बाद जान बचाकर पुलिस को भागना पड़ा.
Youth murder In Madhubani: मधुबनी के मधेपुर थाना क्षेत्र के एक बधार में फैले पानी के बीच जलकुंभी से गुरुवार 15 अगस्त की दोपहर को मधेपुर थाना पुलिस ने एक अज्ञात युवक के शव को बरामद किया था, शव पानी में काफी दिनों से रहने के कारण पूरी तरह से फूल चुका था, जिससे उसकी पहचान करने में काफी दिक्कतें हो रही थी. हालांकि फिर भी बारह घंटे के अंदर ही शव की शिनाख्त कर ली गई. अब मृत युवक के साथ मधेपुर के लक्ष्मीपुर के कुछ लोगों के जरिए मारपीट की जाने का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल है. परिजनों ने वायरल वीडियो में दिखाई दे रहे लोगों के जरिए युवक की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शव को फेंक देने का आरोप लगाया है.
प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प
मामले को लेकर शुक्रवार को ग्रामीण प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प भी हुई, जिसमें ग्रामीणों ने दौड़ा-दौड़ा कर पुलिसकर्मी के साथ हाथापाई की. इसके बाद जान बचाकर पुलिस भागी. झंझारपुर डीएसपी पवन कुमार ने कहा कि पुलिसवालों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को पहचान कर उन पर प्राथमिकी दर्ज होगी. गुरुवार 15 अगस्त की दोपहर मधेपुर थाना पुलिस ने बांकी बीरपुर गांव के मुख्य सड़क किनारे बधार में फैले पानी के बीच जलकुंभी में से युवक का शव बरामद किया था. बाद में परिजनों ने शव के हाथ में पहने कड़े और जेब में पड़े मोबाइल से उसकी शिनाख्त की थी. शव की पहचान रहुआ संग्राम गांव निवासी 34 वर्षीय दिनेश कामती उर्फ दल्लू के रूप में की गई.
मृतक के परिजनों ने दिनेश की हत्या कर साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से उनके शव दूर बधार में फैले पानी में फेंक देने की बात कही है. हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी को लेकर रहुआ संग्राम गांव में शुक्रवार को अलग-अलग तीन जगहों पर मुख्य सड़क को बांस बल्ला से जाम कर आगजनी की गई और पुलिस प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई. शव बरामदगी मामले को लेकर मृतक दिनेश कामती उर्फ दल्लू की पत्नी आशा देवी ने मधेपुर थाना में अपने पति की हत्या कर शव को फेंक देने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है.
दर्ज प्राथमिकी और स्थानीय ग्रामीण राम नरेश यादव के मुताबिक मधेपुर के लक्ष्मीपुर चौक स्थित गोपाल मिष्ठान भंडार के मालिक मधेपुर निवासी गोपाल साहू, उनके पुत्रों एवं दुकान के कर्मियों पर लाठी से पीट पीटकर हत्या कर देने का आरोप लगाया गया है. साथ ही साक्ष्य को छुपाने के लिए शव को बधार में फेंक दिए जाने की बात कही गई है. पिटाई करने की घटना एक सप्ताह पहले की बताई गई है. लगभग एक सप्ताह पहले से ही दिनेश कामती घर नहीं पहुंचा था, जिसके बाद उसकी पत्नी बच्चों को लेकर मायके दलदल गांव चली गई थीं और वहीं से पति की खोज सगे संबंधियों से करवा रही थी.
इधर दिनेश के साथ हुई मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें लक्ष्मीपुर चौक पर दिन दहाड़े नामजद आरोपियों ने एक युवक की बेरहमी से पिटाई की जा रही है, जिसमें सबसे पहले गोपाल साहू ही लाठी से पीटने लगते हैं और उसके बाद उनका लड़का पीटते-पीटते डंडा तोड़ देता है और उसे धक्का देकर सड़क पर गिरा देता है. मृतक दिनेश कामती गांव एवं बाजार में मजदूरी कर अपने परिवार का भरन पोषण करता था. मृतक अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था. दो भाई बाहर रहकर मजदूरी का काम करते हैं. मृतक को चार बच्चे हैं, जिनमें 9 वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार, 7 वर्षीय पुत्री निशा कुमारी, 5 वर्षीय पुत्र आदित्य कुमार एवं 3 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार है.
मामले को लेकर शुक्रवार को लगभग 8 घंटे तक सड़क पर टेंपो में लदे शव के साथ स्थानीय लोग उग्र प्रदर्शन करते रहे. मधेपुर मुख्य पथ पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित रही. बाद में झंझारपुर डीएसपी पवन कुमार, इंस्पेक्टर बी० के० ब्रजेश, भेजा थानाध्यक्ष सूरज कुमार, मधेपुर थानाध्यक्ष प्रकाश चंद्र राजू, एसआई लक्ष्मण साहू के पहुंचने पर काफी मान मनौव्वल के बाद शाम में सड़क जाम को हटाया गया.
मीडियाकर्मी पर किया गया हमला
इंस्पेक्टर बी.के. ब्रजेश एवं डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी. झंझारपुर डीएसपी पवन कुमार ने कहा कि पुलिसवालों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को पहचान कर उनपर प्राथमिकी दर्ज होगी. अलबत्ता जो भी हो इस घटना को लेकर रहुआ संग्राम गांव में लगभग आठ घंटे तक सड़क जाम को हटाने में मधेपुर एवं भेजा थाना पुलिस पूरी तरह से विफल दिखी.साथ ही इतने देर तक कोई भी पुलिस या प्रशासन के आलाधिकारी सड़क जाम स्थल तक क्यों नहीं पहुंचे? यहां तक की न्यूज के लिए वीडियो बनाते मीडियाकर्मी पर जब लोगों की निगाह पड़ी तो उन्होंने उसे भी अपने पत्थर का निशाना बनाना चाहा, लेकिन स्थानीय पुलिस की मदद से मीडियाकर्मी ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई.
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