पटना: राजधानी के पटना सिटी स्थित राजा घाट के पास शुक्रवार को गंगा नदी में तैरता हुआ एक पत्थर (Patna News) मिला है, जिसे देखने के लिए लोगों भारी भीड़ जुट गई. इस पत्थर पर 'राम' लिखा हुआ है. लोगों ने इस पत्थर को राजा घाट के पास ही एक मंदिर के प्रांगण में रखा है. वहीं, लोग इस पत्थर को राम शिला कह रहे हैं. इसके बाद स्थानीय लोग इस पत्थर को पूजा करने लगे हैं. इस पत्थर को देख कुछ लोग हैरान हैं तो कुछ श्रद्धा से इसे निहारने पहुंच रहे हैं. इसकी चर्चा पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है. हालांकि भू वैज्ञानिकों का कहना कई बार पत्थर पुराने हो जाते हैं तो उनमें छेद हो जाते हैं. साइंटिफिक कारण है. ऐसे में पत्थर पानी में तैरने लगते हैं.
देखने के लिए दूर-दूर से पहुंच रहे हैं लोग
स्थानीय लोगों ने बताया कि राजा घाट पर कुछ युवक सुबह नहाने गए थे. इस दौरान उन्हें गंगा नदी में एक तैरता हुआ पत्थर दिखा. इसके बाद उन्होंने पत्थर को बाहर निकाला. लोगों ने बताया कि देखने से पत्थर हल्का लगा, लेकिन उठाने पर वजन है. इस पत्थर पर राम नाम लिखा था. इसके बाद मंदिर के प्रांगण में रख दिया गया है. वहीं, लोग दूर-दूर से इस पत्थर को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही आस्था के साथ लोग पत्थर की पूजा भी कर रहे हैं.
भू-वैज्ञानिक कहते ये
वहीं, इस प्रकार तैरने वाले पत्थरों के संबंध में भी जानकारियां कुछ खास है. जल में तैरने वाले पत्थर प्यूसिम पत्थर के नाम से जाने जाते हैं, ये प्यूसिम पत्थर अंदरूनी तौर पर छिद्रित होते हैं. जिनमें कोष्ठों में हवा भरी होती है. भू-वैज्ञानिक बताते है कि जो पत्थर पानी पर तैरते हैं. इनकी आंतरिक संरचना एकदम ठोस न होकर अंदर से स्पंज अथवा डबल रोटी जैसे होती है, जिसमें बीच-बीच में वायु कोष बने होते हैं. इन वायु प्रकोष्ठों के कारण ये पत्थर वजन में भारी होने के बाद भी घनत्व के हिसाब से हल्के होते हैं. इस कारण ये पत्थर पानी में तैर सकते हैं.
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