पटनाः उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के बाद अब बिहार की भी बारी आ गई है. चंपारण में ‘विराट रामायण मंदिर’ (Virat Ramayan Mandir) के निर्माण की तैयारी हो रही है. बनन के बाद इसकी तस्वीर ऐसी होगी कि सबकी नजरें टिकी रह जाएंगी. बिहार में सबसे बड़ा रामायण मंदिर का निर्माण हो रहा है जिसकी चर्चा होने लगी है.
250 साल तक होगा टिकाऊ
चंपारण के केसरिया में बनने वाला रामायण मंदिर 270 फीट ऊंचा, 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा. इस मंदिर का निर्माण इस तरह कराया जा रहा है कि कई सौ साल तक चले. बताया जा रहा है कि मंदिर लगभग ढाई सौ साल तक टिकाऊ होगा. यह 100 एकड़ में बन रहा है. मंदिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में विशेष बदलाव किए जा रहे हैं. मंदिर के निर्माण के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व महा निदेशक विनीत जायसवाल को मुख्य परामर्शी बनाया गया है.
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बताया जाता है कि अयोध्या से जनकपुर तक स्वीकृत राम-जानकी मार्ग मंदिर को स्पर्श कर गुजर रहा है. बिहार की सीमा में दो लेन के पूर्व प्रस्तावित धार्मिक महत्व की इस सड़क को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के अनुरोध पर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में फोर लेन किए जाने की स्वीकृति दी है.
क्या कहते हैं आचार्य किशोर कुणाल?
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि पूर्व में विराट रामायण मंदिर का स्ट्रक्चर न्यूनतम 100 साल की मजबूती के हिसाब से तैयार किया गया था. लोहा, सीमेंट और टफेन ग्लास से पूरा मंदिर बनाया जाना था. अब विशेष तरीके के स्टील का इस्तेमाल कर निर्माण किया जाएगा. मंदिर के बाहरी परिसर का काम चल रहा है.
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