Vivah Muhurat 2023: बिहार में शहनाई बजने की तैयारी शुरू, मकर संक्रांति के बाद बजेंगे बैंड-बाजे, देखें शुभ मुहूर्त
Vivah Shubh Muhurat Dates: खरमास के बाद ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. जब बात शुभ कार्य की हो तो शहनाई की बात कैसे छूट सकती है.
पटना: बिहार में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया जाने वाला है. इसके साथ ही शहनाई बजने की तैयारी भी शुरू हो गई है. इस दिन खरमास खत्म होगा और लोग अभी से ही विवाह के लिए शुभ मुहूर्त देखने लगे हैं. कोई कैलेंडर देख रहा है तो कोई पंडित से भी शुभ मुहूर्त देखने के लिए कह रहा है. खरमास के बाद ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं.
मकर संक्रांति के दिन मकर राशि का प्रवेश होता है और सूर्य उत्तरायण होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य उत्तरायण छह महीने तक रहते हैं और जब सूर्य उत्तरायण होते हैं तो देवता लोग जागते हैं. इस अवधि में लोग सभी तरह के शुभ कार्य करते हैं. जब बात शुभ कार्य की हो तो शहनाई की बात कैसे छूट सकती है. लोग मांगलिक कार्य का इंतजार करते हैं. आइए शुभ मुहूर्त जानते हैं.
15 से ही शुरू कर सकते हैं मांगलिक कार्य
इस बार 15 जनवरी को खरमास खत्म होगा. इसके बाद मांगलिक कार्य का भी शुभारंभ हो जाएगा. पंचांग के अनुसार 15 जनवरी से ही मांगलिक कार्य शुरू कर सकते हैं. शादी विवाह का लग्न 15 जनवरी से लेकर लगातार 13 मार्च तक है. 13 मार्च के बाद मई में 2 मई से शादी की शुरुआत हो रही है.
जनवरी में 15 जनवरी से लग्न की शुरुआत तो हो रही है लेकिन 15, 16 और 17 जनवरी को अच्छा लग्न नहीं है. 15 जनवरी को स्वाति नक्षत्र तो है लेकिन मृत्युबाण लग्न है, जबकि 16 जनवरी को भी स्वाति नक्षत्र के साथ मृत्युबाण लग्न है. 17 जनवरी को अनुराधा नक्षत्र की केतु युति है. पंचांग के अनुसार इस तरह के लग्न में शादी नहीं करनी चाहिए.
वहीं 18 जनवरी से 31 जनवरी तक शुभ लग्न है. 18, 19, 25, 26, 27, 30 और 31 जनवरी को अच्छा लग्न है. 26 जनवरी को उत्तराभाद्र नक्षत्र चल रहा है और पंचेष्ट लग्न भाव है. इस कारण 26 जनवरी का लग्न बहुत ज्यादा शुभ माना गया है. 25 जनवरी को भी उत्तराभाद्र नक्षत्र है, लेकिन रिक्ता दोष के कारण उतना ज्यादा शुभ नहीं है.
फरवरी महीने में 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 22, 23, 27 और 28 फरवरी को शुभ लग्न है. मार्च में 5, 6, 7, 8, 9, 11 और 13 मार्च को शुभ लग्न है. हालांकि फाल्गुन महीने की पूर्णिमा छह तारीख को है और होलिका दहन 8 मार्च को है. इस दौरान भी शादी का लग्न है. होली के बाद भी चैत्र महीने में तीन दिन शादी का लग्न बताया गया है.
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