रोहतास: सासाराम के रहने वाले रामदुलार शाह पेशा से ठेला चालक हैं, लेकिन उन्होंने अपने अंदर की एक अद्भुत कला को जिंदा रखी है. वह महिला की आवाज में पारंपरिक विवाह गीत गाते हैं. सासाराम के झलखोड़ा गांव का रहने वाला रामदुलार गायकी के अपने अद्भुत प्रतिभा से इन दिनों चर्चा में है. शादी-ब्याह में महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले पारंपरिक विवाह गीतों को महिलाओं की आवाज में वह गाते तो लोग सुनकर आश्चर्यचकित हो जाते हैं. उनकी गायकी लोगों को खूब भाती है.


महिला की आवाज में गाते पारंपरिक गीत


महिलाओं की आवाज में पारंपरिक गीत गाना उनको अच्छा लगता है. जिससे लोगों का भरपूर मनोरंजन भी होता है. इसकेअलावे उनके पास बहुत तरह के गुण हैं जैसे पशु-पक्षी का आवाज निकलना, हॉर्न की आवाज निकलना. रामदुलार शाह का कहना है कि उनके पास यह सारी प्रतिभा बचपन से है. वह शादी ब्याह के मौसम में गीत गाती महिलाओं का नक़ल किया करते थे.



लोग शादी के कर्यक्रम में उन्हें गीत गाने के लिए बुलाने लगे हैं. वे गीतों को बखूबी प्रस्तुत भी करते हैं. सारी पारंपरिक लोकगीत याद भी रखते हैं. शादी विवाह के मौसम में रामदुलार की मांग बढ़ जाती है. खासकर भोजपुर इलाके में गाए जाने वाले पारंपरिक विवाह गीत को वह महिला की आवाज में बखूबी प्रस्तुत करते हैं. रामदुलार शाह भोजपुर इलाके में गाए जाने वाले पारंपरिक विवाह गीत को बहुत अच्छे से प्रस्तुत करते हैं.


मुंह से निकालते हॉर्न की आवाज


शादी विवाह के मौसम में रामदुलार की मांग बढ़ जाती है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि जब ठेला गाड़ी लेकर वह सड़क पर निकलते हैं, तो वो अपने मुंह से हॉर्न की आवाज भी निकालते हैं जिससे लोगों को लगता है कि कोई बड़ी गाड़ी आ गई है. रामदुलार शाह के अंदर बहुत ही विलक्षण प्रतिभा मौजूद है जो लोगों को आकर्षित करती है.


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