Water Of Ganga River Increase: पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही भारी वर्षा के बाद अब बिहार की सीमा में गंगा नदी उफान पर आ गई है. पिछले 72 घण्टे से लगातार बक्सर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से जिले के छह प्रखण्ड इलाके में बाढ़ का पानी का फैलाव अब खतरनाक होने लगा है. मंगलवार (17 सितंबर) की शाम में जलस्तर में दो सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बाढ़ की वजह से कई गांव के संपर्क मुख्यालय से टूट गए है. चौसा प्रखण्ड इलाके में मोहनिया बक्सर स्टेट हाइवे के करीब बनारपुर गांव के पास बाढ़ का पानी आ गया है.


बक्सर कोइलवर तटबंध सुरक्षित


वहीं बक्सर प्रखण्ड इलाके में उमर पुर दियारा से ले कर बीस का डेरा, लक्ष्यमण राय का डेरा, साठ का डेरा, तिलक राय का हाता, महाजी डेरा और ढाबी गांव, ऐकौनी डेरा, बेनीवाल का डेरा, श्रीकांत राय का डेरा, तिलक राय हाता, बयासी गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गया है. बक्सर कोइलवर तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है. बाढ़ नियंत्रण विभाग और स्थानीय स्तर पर केशवपुर से ले कर बिहार घाट तक बांध की सुरक्षा के लिए टीम पूरी तरह एलर्ट मोड पर है. बक्सर जिला प्रशासन कन्ट्रोल रूम को एक्टिवेट कर आपदा प्रबन्धन और एसडीआरएफ टीम को एलर्ट मोड पर रख गया है.


बता दें कि बिहार की सीमा में सबसे अंतिम गांव हासनगर दियारा और नैनी जोर दियरा के बीच सबसे ज्यादा भयावह हालत ढाबी गांव में इस वक्त हुई है, जहां चारो तरफ से गंगा नदी के तेज धारा में गांव घिरा हुआ है. राहत बचाव और सुरक्षा का जायजा लेते स्थानीय थाना और ब्रह्मपुर सीओ ने बाढ़ के हालात पर कहा कि हमलोग प्रयासरत हैं कि सभी जानवरों और आम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए, नाव की व्यवस्था की गई है. गांव घिर गए हैं, घरों में पानी नहीं पहुंचा है अगर कोई घर प्रभावित होता है तो उसके लिए हम लोग उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करेंगे. स्थिति का जायजा लेने के लिए हम लोग भ्रमण कर रहे हैं.


बाढ़ प्रभावित लोगों की परेशानी बढ़ी 


वहीं बाढ़ प्रभावित अरुण कुमार राय ने बताया कि हमारा गांव श्रीकांत राय का डेरा पूरी तरह घिर चुका है. सिमरी प्रखंड के तीन गांव बाढ़ के पानी से घिर चुका है, जहां हम लोगों को एक नमक भी लाना है तो गंगौली आना पड़ता है और इसके लिए हमें छोटी नाव से आना जाना पड़ता है. ऐसे में हवा का भी तेज बहाव होने के वजह से नाव पलटने का खतरा है. ऐसे में जिला प्रशासन से हम लोग मांग करते हैं कि हमारे लिए बड़ी नाव की व्यवस्था की जाए.


वहीं राकेश कुमार ने बताया कि दियारा इलाका पूरी तरह पानी से घिर चुका है. चार-पांच गांव बाढ़ से प्रभावित है. मवेशियों के लिए चारा की काफी दिक्कत है. टुनटुन कुमार ने बताया कि 40 से 45 मवेशी को हम लोग दियारा इलाके से लेकर आ रहे हैं. दियरा इलाका पानी से भर गया है. ऐसे में हम लोग बांध के इस पार अपने मवेशियों को रखेंगे.


ये भी पढ़ें: Pitru Paksha Mela 2024: गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला शुरू, तस्वीरों में देखें उद्घाटन की झलक