पटना: नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, (Rabri Devi) मीसा भारती, समेत 16 लोग नामजद हैं. यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री हुआ करते थे. इस दौरान लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav) ने उम्मीदवारों से रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी. पटना के रहने वाले कई लोगों ने अपनी जमीन आरजेडी सुप्रीमो के परिवार या उनकी एक निजी कंपनी जो कि पटना में स्थित थी, उसके नाम पर बेची थी. इस घोटाले में कहा जाता है कि नौकरी के बदले जमीन घूस लेने का मामला था.


लालू के कार्यकाल में हुआ था घोटाला


लालू प्रसाद यादव के मंत्री बने रहने के दौरान यानी 2004 से 2009 के बीच रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. नोटिस जब सार्वजनिक रूप से जारी नहीं था फिर भी पटना के रहने वाले कई सारे लोगों की मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर, रेलवे के सभी जोन में नियुक्ति की गई थी. सीबीआई का कहना है कि इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी. सारी जमीने सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर ली गईं थी.



लालू के साथ राबड़ी और मीसा पर भी आरोप


पूर्णिया की रैली में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि जांच एजेंसियां हमारे घर होली खेलने आएंगी. वहीं आज सोमवार की सुबह राबड़ी आवास पर सीबीआई पूछताछ के लिए पहुंची है. हालांकि इस मामले में 15 मार्च को लालू यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती को कोर्ट में पेश भी होना है. इसके लिए पहले ही समन दिया गया है. 


साल 2022 में भी कई दफे हुई थी छापेमारी


सीबीआई ने मई 2022 में लालू, राबड़ी देवी, दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव समेत करीबियों और परिजनों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. वहीं 13 लोगों पर एफआईआर भी दर्ज किया गया था. सीबीआई ने इस मामले में साल 2022 के मई में लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी, उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के अलावा नौकरी पाने के बदले में कम कीमत में जमीन देने वाले कुछ अयोग्य उम्मीदवारों समेत 16 लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी. वहीं 24 अगस्त 2022 को भी इसी मामले को लेकर आरजेडी के कई नेताओं के यहां छापेमारी की गई थी. इस मामले को लेकर लगातार लालू परिवार जांच एजेसियों के निशाने पर आ रहा है.


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