सीएम नीतीश कुमार के मंत्री ने जब श्याम रजक को बताया मंदबुद्धि, तब उन्होंने दिया यह रिएक्शन
जेडीयू नेता अशोक चौधरी के बयान का पलटवार करते हुए आरजेडी नेता श्याम रजक ने कहा कि वो बड़े आदमी हैं, इसलिए दूसरों के मंदबुद्धि होने की बात कह रहे हैं.
पटना: सीएम नीतीश कुमार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा कर आरजेडी का दामन थामने वाले श्याम रजक पर जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने बड़ा हमला बोला है. अशोक चौधरी ने पूर्व मंत्री श्याम रजक को मंदबुद्धि बताया है. वहीं, जेडीयू नेता के बयान का श्याम रजक ने पलटवार किया है और उन्हें घमंडी और पाखंडी करार दिया.
जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, " कोई व्यक्ति जब किसी कक्षा में रहता है तो उसको एक साल में ये पता चल जाता है कि हमारे शिक्षक हमें क्या पढ़ा रहे हैं और आपको ग्यारह साल लग गया यह समझने में कि नीतीश कुमार आपको क्या पढ़ा रहे हैं. तो आप कितना होशियार विद्यार्थी हैं,इसी से समझ आता है."
उन्होंने कहा, " क्या प्रदेश की जनता नहीं समझ रही है कि जिसके साथ आप 11 साल रहे और उनके कैबिनेट में मंत्री रहे तो आपके ग्यारह साल लग ये बात समझने में कि नीतीश कुमार दलित विरोधी हैं. तो सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह तो उनके ऊपर लगता है कि आपको साल डेढ़ साल में समझ नहीं आया, 11 साल लगा दिया आपने तो सबसे पहले तो आपके ही कार्यशैली पर पश्न चिन्ह लगता है. दूसरी बात कि जिस व्यक्ति को ये प्रदेश मिला उस समय अनुसूचित जाति जनजाति का 40 करोड़ का बजट था, आज 1600 करोड़ से ऊपर का बजट है."
अशोक चौधरी ने कहा, " दलितों के लिए इस देश में कौन सा ऐसा संसाधन सम्पन्न प्रदेश है, जहां UPSC और BPSC के तैयारी के लिए विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता दी जाती है. कहां दलित को लोन दिया जाता है? कहां बेरोजगार दलितों के लिए परिवहन योजना शुरू की गई? कितने लोगों को इसका लाभ उठाया. हजारों लोगों ने बीपीएससी यूपीएससी का लाभ उठाया जो व्यक्ति दूरदर्शी होता है वो समझता है कि हासिये पर पड़े जो बड़ी जनसंख्या है चाहे वो महिला हो या अतिपिछड़ा का हो या दलितों का हो उसको जब तक मुख्य धारा में नहीं जोड़ें तबतक हम इस प्रदेश को 21वीं शदी में नहीं ले जा सकत. उस सोच के तहत इन योजनाओं का निर्माण किया गया. मेरे समझ से आजादी के बाद इतना बड़ा दलित प्रेमी मुख्यमंत्री कोई हुआ ही नहीं जिसने इतने योजनाओं का निमार्ण किया हो और आपको ग्यारह साल लगे जानने में और जाते समय आपको नीतीश दलित विरोधी लगने लगे."
इधर, अशोक चौधरी के बयान का पलटवार करते हुए श्याम रजक ने कहा, " वो बड़े आदमी हैं इसलिए दूसरों के मंदबुद्धि होने की बात कह रहे हैं. इससे उनकी नियत और संस्कृति का एहसास हो जाता है. मैं कब हूं MLA और वो कब से हैं MLA? मैं चंद्र शेखर जी के समय से राजनीति कर रहा हूं. काला हांडी से लेकर बुल स्टार के खिलाफ पंजाब में पद यात्रा करने का मैंने काम किया और कई लड़ाई लड़ी. लेकिन अगर उनका कहना है कि मैं मंदबुद्धि हूं तो मैं उनके सोच को मुबारकबाद देता हूं. अभी उनको इंतजार करना होगा. उनको कांग्रेस को समझने में जितना साल लगा है, उससे कम समय में वो जेडीयू को समझ जाएंगे."
उन्होंने कहा, " जेडीयू जब अपने संविधान रक्षा नहीं कर सकता तो वो देश के संविधान की रक्षा कैसे कर सकता है. नीतीश कुमार को दलित नेता कहे जाने के संबंध में उन्होंने कहा मैं किसी को सर्टिफिकेट देने वाला नहीं हूं, ये प्रमाण तो बिहार की जनता देगी. लोकतंत्र में जनता ही मालिक होती है. यह वही व्यक्ति के सकता है जो घमंडी और पाखंडी हो, जनता ही मालिक होती है.
श्याम रजक ने कहा, " मैं आपलोग से कहना चाहता हूं कि जाइए उन टोलों और झोपड़ियों में और देखिए क्या स्थिति बदली है. अगर स्थिति बदली है तो बहुत अच्छा है. स्थिति बिगड़ी है, सड़क बना देना और बिजली लगा देना विकास का मापदंड नहीं है. आज युवा चाहे वो किसी वर्ग का हो वो खुद को कुंठित महसूस कर रहा है. वे लाचार, बेहाल बदहाल है."