(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Politics: सुनील सिंह ने निलंबन पर उठाए सवाल तो भड़के सभापति, बोले- RJD MLC की बुद्धि पर आती है तरस, खुद में लाएं सुधार
स्पीकर ने कहा, " मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. सदन के बाहर मेरे सभी से अच्छे संबंध हैं. सुनील सिंह से भी मेरे अच्छे संबंध हैं. लेकिन इस घटना के बाद मुझे इस पर चिंतन करने की जरूरत है."
पटना: बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह (Awadhesh Narain Singh) ने सोमवार को आरजेडी एमएलसी (RJD MLC) सुनील कुमार सिंह (Sunil kumar Singh) को 24 घंटे के लिए सदन से निलंबित कर दिया था. स्पीकर की इस कार्रवाई के बाद बवाल मच गया है. आरजेडी एमएलसी ने मंगलवार को इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें तो इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि उन्हें सदन से निलंबित कर दिया गया है. मीडियाकर्मियों ने उन्हें इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद वे चौंक गए.
कार्रवाई का कारण समझ नहीं आया
सुनील सिंह ने कहा कि उन्हें समझ ही नहीं आया कि स्पीकर ने उन पर कार्रवाई क्यों की है. उन्होंने तो केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) व योगी (Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो सदन में दिखाई थी. अगर इतने गरिमामई लोगों की तस्वीर दिखाने के बाद उन पर कार्रवाई हो जाती है, तो वे ऐसी कार्रवाई बार-बार कराना चाहेंगे. वहीं, खुद पर हुई कार्रवाई के संबंध में उन्होंने कहा कि सभापति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दबाव में उन पर ये कार्रवाई की गई है. सभापति विधानसभा स्पीकर के साथ हुई घटना से डर गए थे. इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री की फोटो जो सभी अखबारों में छपी थी को दिखाने पर उन पर कार्रवाई कर दी.
एमएलसी के आरोपों पर भड़के स्पीकर
इधर, सुनील सिंह की इस बयान पर सभापति अवधेश नारायण भड़क गए. उन्होंने कहा कि सदन के सबसे बदतमीज सदस्य सुनील सिंह ही हैं. आठ मिनट बोलने के समय में 40 मिनट बोलते हैं. वो भी बेवजह. पैक्स की भले ही उनको जानकारी हो. लेकिन संसदीय मर्यादा की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. वे इस मामले में बच्चे हैं. वो जिस तरह की हरकतें करते हैं, उन्हें तो रोज निलंबित कर देना भी गलत नहीं होगा. वो जिस तरह से बिना मतलब के बोलते रहते हैं, वो एकदम गलत है. सदस्य रोज मेरे केबिन में आकर उनकी शिकायत करते हैं.
वहीं, सुनील सिंह के कार्रवाई क्यों हुई वाले बयान पर उन्होंने कहा कि आरजेडी एमएलसी को क्या लगता है कि सबसे समझदार वही हैं. वो जो कटाक्ष करते हैं वो केवल उन्हें ही समझ आता है और किसी को नहीं. वे जिस तरह से मुख्यमंत्री के संबंध में बोल रहे थे और दूसरे जगह की बात सदन में कर रहे थे, वो संसदीय प्रणाली के खिलाफ है. क्या हम सभी किसी मौके पर केवल बिहारी के तौर पर बर्ताव नहीं कर सकते. उन्होंने जिस तरह के वक्तव्य दिए वो उसका वीडियो देख लें. खुद समझ जाएंगे क्यूं कार्रवाई हुई है.
शालीनता को अपनाएं सुनील सिंह
स्पीकर ने कहा, " मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. सदन के बाहर मेरे सभी से अच्छे संबंध हैं. सुनील सिंह से भी मेरे अच्छे संबंध हैं. लेकिन इस घटना के बाद मुझे इस पर चिंतन करने की जरूरत है कि क्या वाकई अच्छे संबंध हैं. मेरी उन्हें सलाह है कि वे अहंकार को छोड़ें और शालीनता को अपनाएं. शालीनता का कोई जवाब नहीं है. जननायकों की जीवनी को पढ़ें और उससे सीख लें क्योंकि सीधे प्रोफेसर बनने के चक्कर में इंसान छात्र भी नहीं रहता."
जेडीयू ने दी प्रतिक्रिया
इधर, जेडीयू ने भी सुनील सिंह द्वारा सभापति पर लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि सुनील सिंह जिस तरह से सभापति पर आरोप लगा रहे हैं वो एकदम गलत है. सभापति के पास सदन के फैसले लेने का विशेषाधिकार है. उनके फैसले पर सवाल उठाने का आरजेडी एमएलसी को कोई अधिकार नहीं है.
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