पटना: सूबे के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शानिवार को राबड़ी आवास में पीसी की. पीसी के दौरान उन्होंने दावा किया कि मंत्री रामसूरत राय के भाई हंसलाल राय की जमीन पर संचालित स्कूल से शराब बरामदगी मामले में मंत्री झूठ बोल रहे हैं. वहीं, इस पूरे मामले में निर्दोष अमरेंद्र कुशवाहा को फंसाया जा रहा है. अब आप सोच रहे होंगे कि अमरेंद्र कौन है?
मंत्री के भाई ने नहीं रिसीव की कॉल
इसकी जानकारी तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी. उन्होंने बताया कि मंत्री के भाई हंसलाल की जमीन पर बने स्कूल के मालिक हंसलाल खुद हैं. वहीं, व्यवस्थापक लालकांत शर्मा हैं. जबकि स्कूल के केअर टेकर अमरेंद्र कुशवाहा हैं और उन्हें इस पूरे मामले में फंसाया गया है. नेता प्रतिपक्ष की मानें तो सात नवंबर की रात अमरेंद्र को जब स्कूल में शराब लदी ट्रक के आने की जानकारी मिली तो उन्होंने हंसलाल राय को कॉल किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया गया.
तेजस्वी की मानें तो कॉल नहीं रिसीव होने के बाद उसने बोचहा थाने में कॉल किया और घटना की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दबाव में आकर अमरेंद्र को ही गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद अमरेंद्र के परिजनों ने मुख्यमंत्री, डीजीपी समेत वरीय अधिकारियों को चिट्ठी भेजी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
अमनरेंद्र कुशवाहा के भाई ने बताई सच्चाई
नेता प्रतिपक्ष ने पीसी के दौरान मंच पर अमनरेंद्र कुशवाहा के भाई को अंशु भास्कर को बुलाया, जिसने अपने भाई के साथ हुए अन्याय की बात सबके सामने रखी. उसने बताया कि स्कूल की स्थापना 2017 में हुई थी. उस वक्त मंत्री रामसूरत राय ने स्कूल का उद्घाटन किया था और प्राइज भी बांटी थे. मंत्री के भाई ने अमरेंद्र को स्कूल के संचालन की जिम्मेदारी दी थी.
अंशु ने बताया कि जब 7 नवंबर की रात अमरेंद्र को शराब के संबंध में जानकरी मिली तब उसने इसकी सूचना सबसे पहले हंसलाल राय को देनी चाही, लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया. इसके बाद सूचना देने पर पुलिस आयी और अमरेंद्र को ही गिरफ्तार कर लिया. हमने थाने में जांच के लिए आवेदन दिया लेकिन थानाध्यक्ष ने गाली गलौज कर भगा दिया.
केस वापस लेने की मिली धमकी
अमरेंद्र के भाई की मानें तो 11 मार्च को जब ये मुद्दा सदन में उठाया गया, तब उसे धमकी भी मिली कि केस वापस ले लो नहीं तो पूरा परिवार बर्बाद कर देंगे. इसके बाद वो नेता प्रतिपक्ष के पास आया और सारी सच्चाई बताई. उसने कहा कि मंत्री जी झूठ बोल रहे हैं, जमीन किराए पर नहीं दिया गया है.
इस खुलासे के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सीएम नीतीश से मामले में संज्ञान लेने की अपील की. साथ रामसूरत राय को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की. वहीं, पीड़ित परिवार को संरक्षण देने की बात कही.
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