Bihar News: कौन हैं दिलीप जायसवाल जिस पर बीजेपी ने किया भरोसा? अमित शाह के करीबी होने की है चर्चा
Dilip Jaiswal: दिलीप जायसवाल गृह मंत्री अमित शाह के करीबी भी बताए जाते हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीते गुरुवार को दिलीप जायसवाल के नए प्रदेश अध्यक्ष होने का पत्र जारी किया था.
BJP State President Dilip Jaiswal: बिहार बीजेपी में बड़ा उलटफेर हुआ है और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की जगह अब राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. लोकसभा चुनाव में सम्राट चौधरी का वोट बैंक कुशवाहा समाज से पार्टी को विशेष फायदा नहीं दिखा है. अब आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने दिलीप जायसवाल पर भरोसा किया है. जानिए दिलीप जायसवाल कौन हैं.
गृह मंत्री अमित शाह के करीबी होने की चर्चा
ऐसी चर्चा है कि दिलीप जायसवाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के करीबी हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बीते गुरुवार को दिलीप जायसवाल के नए प्रदेश अध्यक्ष होने का पत्र भी जारी कर दिया था. यह जानना जरूरी है कि कौन हैं दिलीप जायसवाल जिस पर पार्टी ने भरोसा जताया है. क्या पार्टी में दिलीप जायसवाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने से 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए राह आसान हो जाएगी?
61 वर्षीय दिलीप जायसवाल साफ और स्वच्छ छवि के नेता हैं. वह मूल रूप से खगड़िया जिले के गोगरी गांव के रहने वाले हैं. उनका जन्म 2 मई 1963 को हुआ था. वर्तमान में दिलीप जायसवाल बिहार सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री के पद पर हैं. दिलीप जायसवाल की पहचान मुख्य रूप से सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में रही है. वे शुरू दौर से ही या बीजेपी से जुड़े रहे हैं. 2009 में पहली बार पूर्णिया, अररिया, किशनगंज के स्थानीय प्राधिकार से विधान परिषद चुने गए थे, जो त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से चुना जाता है. उस वक्त से लगातार वह तीसरी बार 8 अप्रैल 2022 में भी चुनाव जीतकर एमएलसी बने हुए हैं और पिछले लगभग 21 वर्षों से वह बिहार बीजेपी के कोषाध्यक्ष भी हैं.
सीमांचल में दिलीप जायसवाल की अच्छी पकड़
बीजेपी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें वर्तमान में सिक्किम राज्य का प्रभारी भी बनाया है और वह 2003 से 2006 तक बीजेपी के बुद्धिजीवी मंच का उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. माना जाता है कि सीमांचल में दिलीप जायसवाल की अच्छी पकड़ है. साथ ही पूरे बिहार के वैश्य समाज में उनकी अच्छी पहचान बनी हुई है और कयास लगाया जा रहा है कि आगामी बिहार विधानसभा 2025 के चुनाव में वैश्य समाज के वोटर को एकजुट करने के लिए दिलीप जायसवाल मिल के पत्थर साबित हो सकते हैं. दिलीप जायसवाल पढ़े लिखे व्यक्ति हैं. उन्होंने एम.एस.सी, एम.बी.ए और पी.एच.डी भी किए हैं. सामाजिक कार्यों में उनकी विशेष रुचि पहले से रही है.
वे माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, किशनगंज के प्रबंध निदेशक भी हैं. उन्होंने 2005 से 2008 तक बिहार राज्य भंडारण निगम के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. एनएफ रेलवे बोर्ड के द्वारा दुर्घटना में 39 लोगों की जीवन रक्षा के लिए उन्हें सम्मान भी दिया गया है. इसके अलावा वह बिहार के राज्यपाल से भी समाजसेवा के लिए सम्मानित हो चुके हैं. किशनगंज के एम.जी.एम कॉलेज के निदेशक भी हैं और वनवासी कल्याण आश्रम किशनगंज के अध्यक्ष भी हैं.
जायसवाल पर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को भरोसा
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सम्राट चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही यह चर्चा हो गई थी कि जल्द बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए किसी और को जिम्मेदारी देगी. लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जो उम्मीद थी कि सम्राट चौधरी कुशवाहा समाज के वोटर को एकजुट कर देंगे वह नहीं हो पाया. कुशवाहा समाज का वोट जेडीयू और आरजेडी में बिखर गया. केंद्रीय नेतृत्व भी सम्राट चौधरी से नाराज चल रहे थे. लोकसभा चुनाव में बीजेपी का कोर वोटर वैश्य समाज के वोट में भी बिखरा हुआ था और यही वजह रही थी कि वैश्य बहुल क्षेत्रों में भी जीत का मार्जिन कम था. अब दिलीप जायसवाल पर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने भरोसा किया है.
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