Bihar Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं यह सरकार ने मान लिया है और जांच के आदेश दिए गए हैं. गुरुवार (17 अक्टूबर) तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. इस मामले में राजनीति भी जारी है. शुक्रवार (18 अक्टूबर) को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से एक्स (X) पर पोस्ट कर 12 सवाल पूछे हैं. 


तेजस्वी यादव ने कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है. अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है, लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति एवं जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप है. सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ के कारण बिहार में 30 हजार करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फला-फूला है.


तेजस्वी ने इन 12 सवालों पर मांगा नीतीश कुमार से जवाब



  • अगर प्रतिवर्ष इतनी बड़ी मात्रा में शराब बरामद हो रही तो उसके दोषी कौन?

  • सरकारी गुलाबी फाइलों के अनुसार अवैध शराब से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक है लेकिन हक़ीक़त इससे विपरीत है, अब तक हजारों लोगों की अवैध शराब के कारण मौत नहीं बल्कि हत्या हुई है. इनका हत्यारा कौन और दोषी कौन? दोषियों पर क्या कार्रवाई हुई?

  • क्या अब तक आज तक किसी बड़े पुलिस अधिकारी/पुलिस अधीक्षक पर कभी कोई कार्रवाई हुई?

  • अगर पटना में शराब मिलती है तो उसका मतलब है 5-6 जिला पार कर यहां तक शराब पहुंची है, तो फिर यह उन सभी 5-6 जिलों की पुलिस की नाकामी है या नहीं?

  • जानकारों के मुताबिक शराब माफिया मुख्यमंत्री से रिटायर्ड अधिकारी के मार्फत सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों के पदस्थापन में खुली बोली के अंतर्गत पोस्टिंग करवाता है अर्थात किस जिला में कौन अधिकारी जाएगा इसका चयन भी शराब माफिया ही करता है. क्या यह आरोप सही नहीं है?

  • क्या यह सही नहीं है कि बिहार में शराबबंदी के बाद से अगस्त 2024 तक मद्य निषेध विभाग की ओर से निषेध कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कुल 8.43 लाख मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कुल 12.7 लाख लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है.

  • मुख्यमंत्री बताएं कि गिरफ्तार लोगों में अधिकांश गरीब व वंचित वर्गों से ही क्यों हैं?

  • अब तक डीएसपी अथवा उससे ऊपर के स्तर के कितने अधिकारियों को सजा मिली? कितने बर्खास्त हुए?

  • प्रतिदिन पुलिस और उत्पाद विभाग की ओर से करीब 6600 छापेमारी होती है उसके बावजूद भी शराब की अवैध तस्करी जारी है तो इसका दोषी कौन?

  • क्या गृह मंत्री सह मुख्यमंत्री इसकी जिम्मेदारी लेंगे?

  • क्या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि शराबबंदी में अधिकांश जेडीयू के नेता/कार्यकर्ता पकड़े जा रहे हैं?

  • मुख्यमंत्री बताएं कि बिहार के हर चौक-चौराहों पर शराब के ठेके किसने खुलवाए?


तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर शराबबंदी के बावजूद बिहार में 3 करोड़ 46 लाख लीटर शराब की कागजों में बरामदगी दिखाई जा रही है (एक ईमानदार वरीय पुलिस अधिकारी के अनुसार इसमें भी घपला है क्योंकि अवैध शराब की तस्करी के लिए पुलिस अधिकारी शराब पकड़ने/पकड़वाने का ढोंग रचते हैं जैसे कि 20 ट्रक शराब के बिहार में घुसाने पर एक टूटा-फूटा ट्रक पकड़वाते हैं. उसमें भी शराब के बदले कुछ और द्रव्य पदार्थ होता है).


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