नई दिल्ली: बिहार में दूसरे चरण का मतदान चल रहा था, तभी एक तस्वीर आई कि 108 साल की वृद्धा रामवती देवी ने मतदान किया, उनका बेटा जय प्रकाश नारायण सिंह, जो कि सेना के रिटायर सूबेदार हैं, उन्हें अपने साथ मतदान कराने ले गए थे. तस्वीर सेरियां गांव की थी जो बिहार के सिवान ज़िले में है, कोरोना काल में इस तस्वीर ने एबीपी न्यूज़ के एडिटर संजय बारागटा का ध्यान खींचा, उन्होंने ये तस्वीर ट्वीट कर दी.






पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश संजय क़रोल ने संजय बारागटा का वो ट्वीट देखा और इस बुजुर्ग महिला से बात करने की ठान ली, अब बिहार के हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जब ठान लें तो क्या मुश्किल है?


न्यायाधीश संजय क़रोल ने एबीपी न्यूज़ के दफ़्तर फ़ोन कर संजय बारागटा से बात करने की इच्छा ज़ाहिर की, फ़ोन चूंकि लैंड लाइन पर आया था इसलिए मुख्य न्यायाधीश संजय क़रोल की संजय बारागटा से सीधे बात नहीं हो पायी, जब संजय बारागटा को इस बात की जानकारी हुई तो उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ हो गयी होगी शायद इसलिए पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उनसे बात करना चाहते हैं.


खैर जब संजय बारागटा ने, मुख्य न्यायाधीश से बात की तो पता चला कि मुख्य न्यायाधीश उस बुजुर्ग महिला रामवती देवी से बात कर उनके कुछ अनुभव जानना चाहते हैं, वे जानना चाहते हैं कि आज़ाद भारत और अंग्रेजों के भारत में क्या अंतर हैं ?



पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने इस बुजुर्ग महिला रामवती देवी से उसके बेटे के साथ वीडीओ कॉल पर बात बात की. साथ ही उनके स्वास्थ और लम्बी उम्र का राज जाना. इस बीच इस बुजुर्ग महिला को नहीं पता था कि वो किस से बात कर रही हैं वो बार-बार पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को “बबुआ” कह कर सम्बोधित कर रही थीं.


उनका हाल -चाल जानने के लिए आशीर्वाद दे रही थीं, इस दौरान संजय बारागटा भी वीडीओ कॉल के ज़रिए जुड़े थे, महिला ने बताया कि उन्हें आंखों में तकलीफ़ है, मुख्य न्यायाधीश ने राज्य के न्याय और विधि विभाग को बुजुर्ग महिला रामवती देवी के इलाज की व्यवस्था करने के लिए कहा, विधि विभाग के एक अधिकारी को मौक़े पर वृद्ध महिला के गांव सेरियां भेजा और गाड़ी भेज कर आगले दिन ज़िला अस्पताल में आंखों के इलाज़ का इंतज़ाम करने के आदेश दे दिये.


वृद्ध महिला रामवती देवी ने मुख्य न्यायाधीश की मांग पर स्थानीय लोकगीत भी सुनाए, रामवती देवी ने मुख्य न्यायाधीश को नए भारत और अंग्रेजों के भारत का अंतर भी बताए, रामवती देवी ने बताया कि अब लोगों के पास पैसा है, पहले बहुत ग़रीबी थी, अब लोगों के पास दवाई और पढ़ाई के साधन हैं, पहले जीवन कठिन था अब आसान है, रामवती देवी ने बताया कि समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है.


मुख्य न्यायाधीश ने रामवती देवी से गांव का हाल चाल भी जाना, मुख्य न्यायधीश की ऐसी सहृदयता देख-सुन सभी भौचक्के हैं, बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनका बेटा, बहू उनका अच्छे से ख़्याल रखते हैं, अच्छे खान-पान और अच्छी दिनचर्या की वजह से वो 108 साल की उम्र में भी स्वस्थ हैं, बातचीत के दौरान बुजुर्ग महिला रामवती देवी का जोश देखने लायक था.