एक्सप्लोरर

JDU में दो फाड़ या आरसीपी की तरह आउट होंगे उपेंद्र कुशवाहा? हिस्सेदारी मांगने के पीछे की रणनीति समझिए

जेडीयू शुरुआत से ही लव-कुश के आधार वोट पर जनाधार को आगे बढ़ा रही है. उपेंद्र कुशवाहा हिस्सेदारी की मांग कर कुशवाहा वोटरों पर फिर से दावा ठोक दिया है. इसके बाद नीतीश कुमार के भी तेवर बदल गए हैं.

मिशन 2024 की लड़ाई में जुटे नीतीश कुमार के खिलाफ उन्हीं के पार्टी के कद्दावर नेता उपेंद्र कुशवाहा ने मोर्चा खोल दिया है. तीन दिन पहले एक कार्यक्रम में 'उपेंद्र कुशवाहा को जहां जाना है, जा सकते हैं' कहकर बुरे फंसे नीतीश ने अब बातचीत का प्रस्ताव रखा है.

गणतंत्र दिवस समारोह के बाद मीडिया से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि ट्वीट करने से समस्या का हल नहीं होने वाला है. जेडीयू फोरम में आकर अपनी बात उपेंद्र कुशवाहा को कहनी चाहिए. बातचीत से समस्या हल होता है. 

जेडीयू में उपेंद्र विवाद कैसे शुरू हुआ?
1. लगातार साइड लाइन चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने एक इंटरव्यू में डिप्टी सीएम बनने की इच्छा जताई, जिसे नीतीश कुमार ने तुरंत खारिज कर दिया. 

2. नीतीश कुमार से प्रस्ताव खारिज करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू के कई नेता बीजेपी के संपर्क में है. इस बयान के बाद कुशवाहा के बीजेपी में जाने की अटकलें लगने लगी.

3. कुशवाहा की नाराजगी को लेकर जब पत्रकारों ने सवाल पूछा तो नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें हमने सम्मान दिया है, लेकिन फिर भी जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं. 

4. नीतीश कुमार के बयान पर कुशवाहा भड़क गए और ट्वीट कर लिखा- बिना हिस्सेदारी लिए छोटा भाई कैसे जा सकता है?

कुशवाहा विवाद में 2 बड़ा बयान...
1. ललन सिंह, जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष- नीतीश कुमार के दोस्त कम हैं, लेकिन उनसे जलने वाले काफी हैं. इसलिए जेडीयू के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. 

2. अशोक चौधरी, मंत्री बिहार- उपेंद्र कुशवाहा की हैसियत जेडीयू में किराएदार की है. किराएदार कभी भी हिस्सेदार नहीं बन सकता है. नीतीश कुमार ने हमेशा उनका सम्मान किया है.

आरसीपी की तरह आउट होंगे उपेंद्र कुशवाहा या करेंगे खेल?
जनता दल यूनाइटेड और समता पार्टी के विलय होने के बाद कई दिग्गज नेता पार्टी से बाहर हो चुके हैं. इनमें जॉर्ज फर्नांडिज, शरद यादव, नरेंद्र सिंह, दिग्विजय सिंह और आरसीपी सिंह का नाम प्रमुख हैं. सबसे आखिर में केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह जेडीयू से अलग हुए थे. 

आरसीपी सिंह को जेडीयू ने पहले राज्यसभा नहीं भेजा और फिर अधिक संपत्ति खरीदने का नोटिस थमा दिया. नोटिस मिलने के बाद आरसीपी को पार्टी छोड़नी पड़ी थी. ऐसे में अब सियासी चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा का क्या होगा? 

उपेंद्र कुशवाहा पहले भी 2 बार 2007 और 2013 में जेडीयू छोड़ चुके हैं, लेकिन इस बार कुशवाहा ने अपनी रणनीति बदली है और पार्टी सीधे छोड़ने की बजाय हिस्सेदारी मांग रहे हैं. नीतीश के खिलाफ वह सिर्फ घेराबंदी करने में जुटे हैं. 

हिस्सेदारी मांगने की रणनीति क्यों अपना रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा?

1. हिट विकेट नहीं होना चाहते हैं कुशवाहा- उपेंद्र कुशवाहा 2 बार जेडीयू छोड़ अपनी पार्टी बना चुके हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. पहली बार जब वे पार्टी छोड़कर गए तो 2009 का चुनाव हार गए. फिर जेडीयू में आए तो राज्यसभा के सांसद बनाए गए.

लेकिन 2013 में नीतीश का विरोध कर वापस चले गए. इस बार भी पार्टी बनाई और बीजेपी से गठबंधन किया. मोदी सरकार में वे मंत्री भी बने, लेकिन कोलेजियम और संस्थानों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर उन्होंने 2018 में इस्तीफा दे दिया. 

कुशवाहा इसके बाद लोकसभा 2019 और विधानसभा 2020 का चुनाव बुरी तरह हारे. ऐसे में इस बार कुशवाहा हिट विकेट नहीं होना चाह रहे हैं. 

2. जेडीयू में खुद बड़े पोस्ट पर, लेकिन समर्थक नहीं- रालोसपा विलय के बाद उपेंद्र कुशवाहा खुद बड़े पोस्ट पर तो आ गए, लेकिन उनके समर्थकों को जगह नहीं मिली. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा अगर अभी खुद पार्टी छोड़ते हैं तो पुराने समर्थक क्या करेंगे, इस पर सस्पेंस है. 

2013 में जब कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ी थी तो उनके साथ अरुण कुमार और माधव कुमार जैसे नेता साथ थे. जो कि अब नहीं हैं. 

आखिर किस हिस्सेदारी की बात कर रहे हैं?

शुरुआत से ही जेडीयू बिहार में लव-कुश के आधार वोट बैंक पर जनाधार को ही आगे बढ़ा रही है. 2005 में सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने अतिपछड़ा वोटों पर भी फोकस किया. 

लव मतलब कुर्मी और कुश मतलब कुशवाहा वोटर्स है. बिहार में कुशवाहा वोटर्स करीब 4-4.5 फीसदी जबकि कुर्मी 3-3.5 फीसदी है. यानी दोनों को मिलाकर कुल वोट 7 फीसदी है. कुशवाहा का ध्यान इसी वोटरों की हिस्सेदारी पर है. 

जेडीयू ने इसी समीकरण को मजबूत करने के लिए हाल के दिनों में उपेंद्र कुशवाहा के बरक्श उमेश कुशवाहा को खड़ा किया है. उमेश कुशवाहा भी वैशाली जिले से आते हैं और वर्तमान में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

कौन है अबू मोहम्मद अल-जुलानी जिसने बशर अलग असद के नाक में दम कर रखा, जानिए कौन HTS कमांडर के बारे में सबकुछ
कौन है अबू मोहम्मद अल-जुलानी जिसने बशर अलग असद के नाक में दम कर रखा, जानिए कौन HTS कमांडर के बारे में सबकुछ
Cyclone Fengal: तमिलनाडु में मिट्टी धंसने से 7 लोग मलबे में फंसे, फेंगल से भारत और श्रीलंका में 19 लोगों की मौते, जानें लेटेस्ट अपडेट
तमिलनाडु में मिट्टी धंसने से 7 लोग मलबे में फंसे, फेंगल से भारत और श्रीलंका में 19 लोगों की मौते, जानें लेटेस्ट अपडेट
बॉयफ्रेंड सैम मर्चेंट के साथ बाइक राइड पर निकलीं तृप्ति डिमरी, मास्क से छुपा रखा था मुंह
बॉयफ्रेंड सैम मर्चेंट के साथ बाइक राइड पर निकलीं तृप्ति डिमरी, मास्क से छुपा रखा था मुंह
कैसे बिना झंझट WTC फाइनल के लिए क्वालीफाई कर सकती है टीम इंडिया? जानें पूरा समीकरण
कैसे बिना झंझट WTC फाइनल के लिए क्वालीफाई कर सकती है टीम इंडिया? जानें पूरा समीकरण
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal Masjid Case: आज संभल जा सकता है Congress का प्रतिनिधिमंडल, पुलिस ने ना जाने का भेजा है नोटिसParliament session: लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही 12 बजे तक स्थागित | ABP NEWSMaharashtra New CM: सीएम बनने पर संशय बरकरार, आज पार्टी नेताओं के साथ शिंदे की बैठक संभव  | ShindeTop Headlines: फटाफट अंदाज में देखिए 12 बजे की बड़ी खबरें | Kisan Andolan | Sambhal Clash

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
कौन है अबू मोहम्मद अल-जुलानी जिसने बशर अलग असद के नाक में दम कर रखा, जानिए कौन HTS कमांडर के बारे में सबकुछ
कौन है अबू मोहम्मद अल-जुलानी जिसने बशर अलग असद के नाक में दम कर रखा, जानिए कौन HTS कमांडर के बारे में सबकुछ
Cyclone Fengal: तमिलनाडु में मिट्टी धंसने से 7 लोग मलबे में फंसे, फेंगल से भारत और श्रीलंका में 19 लोगों की मौते, जानें लेटेस्ट अपडेट
तमिलनाडु में मिट्टी धंसने से 7 लोग मलबे में फंसे, फेंगल से भारत और श्रीलंका में 19 लोगों की मौते, जानें लेटेस्ट अपडेट
बॉयफ्रेंड सैम मर्चेंट के साथ बाइक राइड पर निकलीं तृप्ति डिमरी, मास्क से छुपा रखा था मुंह
बॉयफ्रेंड सैम मर्चेंट के साथ बाइक राइड पर निकलीं तृप्ति डिमरी, मास्क से छुपा रखा था मुंह
कैसे बिना झंझट WTC फाइनल के लिए क्वालीफाई कर सकती है टीम इंडिया? जानें पूरा समीकरण
कैसे बिना झंझट WTC फाइनल के लिए क्वालीफाई कर सकती है टीम इंडिया? जानें पूरा समीकरण
खौफनाक! आंगन में बैठी महिला पर बंदरों ने किया हमला, बाल नोचे और फिर...वीडियो देख दहल जाएगा दिल
खौफनाक! आंगन में बैठी महिला पर बंदरों ने किया हमला, बाल नोचे और फिर...वीडियो देख दहल जाएगा दिल
सेहत की सबसे बड़ी दुश्मन हैं ये दो चीजें, शरीर को दे सकती हैं गंभीर बीमारियां
सेहत की सबसे बड़ी दुश्मन हैं ये दो चीजें, शरीर को दे सकती हैं गंभीर बीमारियां
बगैर पैसे दिए भाग रहा था कार चालक! पेट्रोल पंप वाले ने सिखाया ऐसा सबक कि हो गया हजारों का नुकसान
बगैर पैसे दिए भाग रहा था कार चालक! पेट्रोल पंप वाले ने सिखाया ऐसा सबक कि हो गया हजारों का नुकसान
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का यूटर्न, बेटे को सभी अपराधों से किया दोषमुक्त
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का यूटर्न, बेटे को सभी अपराधों से किया दोषमुक्त
Embed widget