परदेस गए पति के इंतजार में पथराई पत्नी की आंखें, बच्चों ने रोकर कहा- पापा को वापस ला दीजिए
रहमान के पीछे उसकी मां, उसकी पत्नी व चार बच्चों की जिंदगी बदतर हो गई है. बच्चे रो-रोकर फरियाद लगा रहे हैं कि मेरे पापा को वापस ला दीजिये. इधर, पत्नी का भी रो-रोकर बुरा हाल है.
बक्सर: परिवार की खुशी के लिए लोग हर काम करने को तैयार होते हैं. खासकर युवक. वे घर छोड़ कर बाहर कमाने को जाते हैं ताकि उनका परिवार अच्छी जिंदगी जी सके. कुछ ऐसा ही सपना लेकर बक्सर जिले के केसठ प्रखंड के केसठ गांव का रहने वाला रहमान दर्जी कुवैत गया था. परिवार चलाने के लिए वो गांव में कपड़े की फेरी किया करता था. लेकिन खर्च बढ़ने पर वो अच्छी कमाई के लिए साल 2013 कुवैत चला गया. इस काम में उसने एक एजेंट की मदद ली.
पत्नी से करता था बातें
कुवैत पहुंचने पर उसने अपनी पत्नी को फोन किया और सुरक्षित होने की जानकारी दी. यह दौर लगभग छह महीने तक चलता रहा. उसके बाद अचानक बातचीत बंद हो गई. बातचीत बंद होने के बाद उसकी पत्नी कुरैशी रहमान बेचैन हो उठी. उसने एजेंट से संपर्क बनाना शुरू किया. लेकिन 2014 में उसे एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि रहमान दर्जी कुवैत की जेल में बंद है. ऐसा सुनते ही महिला ने अपने एक रिश्तेदार को फोन लगाया और पति के बारे में पता करने को कहा.
शख्स ने प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय से मेल के माध्यम से संपर्क किया. लेकिन 2015 तक उसे कुछ पता नहीं चला. हालांकि, अथक प्रयास के बाद पता चला कि रहमान हत्या के प्रयास के केस में कुवैत के जेल में बंद है. इस मामले में उसे सात साल की सजा हुई है. वो दिसंबर, 2014 में जेल के अंदर गया था. अगर इस अनुसार देखा जाए तो सात साल की सजा अवधि बीते साल दिसंबर महीने में ही खत्म हो गई.
जनता दरबार जाना चाहती है महिला
ऐसे में रहमान की पत्नी इस आस में बैठी थी कि उसका पति अब वापस आएगा. लेकिन समय बीत जाने की वजह से उसने फिर से कई लोगों से संपर्क किया. मामले में एनजीओ के संचालक रविंदर सिंह ने अपने स्तर से प्रयास करना शुरू किया. अब वो प्रधानमंत्री और सीएमओ से संपर्क करने का प्रयास कर रही है. वहीं, मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाकर अपनी फरियाद लगाने को लेकर लाइन भी लगाया है. ताकि वो मुख्यमंत्री से मिलकर पति के वापसी की गुहार लगाए.
इधर, रहमान के पीछे उसकी मां, उसकी पत्नी व चार बच्चों की जिंदगी बदतर हो गई है. बच्चे रो-रोकर फरियाद लगा रहे हैं कि मेरे पापा को वापस ला दीजिये. वहीं, अगर रहमान की चरित्र की बात की जाए तो गांव वालों ने बताया कि वो एक रईस लड़का है. ग्रामीणों की मानें तो निश्चित तौर पर रहमान या तो किसी गलतफहमी का शिकार हो गया है या तो फिर उसे फंसाया गया है.
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