दुमका: झारखंड के संथाल परगना में बीते कुछ दिनों से एक जंगली हाथी खूब उत्पात मचा रहा है. जंगली हाथियों के झुंड से बिछड़ा ये हाथी अब तक नौ लोगों की जान ले चुका है. वहीं, कई घरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है. शुक्रवार की देर रात जंगली हाथियों के झुंड से बिछड़ा ये हाथी दुमका शहर में घुस गया.
स्थानीय लोगों ने कराया भर्ती
हाथी ने शहर के कई रिहायशी इलाकों में दहशत फैलाते हुए एक दो जगह तोड़-फोड़ की. इस दौरान एक व्यक्ति हाथी के चपेट आने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया, जिसे स्थानीय लोगों ने इलाज के लिए शहर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. लेकिन व्यक्ति की हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया है.
डर की वजह से घर में दुबके रहे लोग
बता दें कि रात करीब साढ़े ग्यारह बारह बजे हाथी के शहर में प्रवेश करते ही लोग दहशत में आ गए. कुछ लोग हाथी को भगाने के लिए घरों से निकल कर हाथी के पीछे दौड़ने लगे. जबकि कई लोग घरों में दुबके रहे. इधर, वन विभाग की दो टीम हाथियों को शहर से बाहर निकाले में जुट गई. घंटों प्रयास के बाद शनिवार के अहले सुबह साढ़े तीन बजे हाथी को शहर से निकाला गया और मसलिया जंगल की ओर से खदेड़ दिया गया.
इस वजह से भड़क गया था हाथी
इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस टीम भी लोगों की सुरक्षा में तैनात रही. बता दें कि दुमका जिले में इस हाथी ने तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया. वहीं, संथाल परगना के जामताड़ा में एक, पाकुड़ में दो, साहिबगंज में तीन लोग हाथी की चपेट में आकर जान गवां चुके हैं. बताया जाता है कि यह हाथी गानडों गांव के पास से गुजर रहा था. इस दौरान ग्रामीणों के पटाखा फोड़े जाने पर हाथी भड़क गया और शहर की ओर मुड़ गया.
इधर, दुमका वन विभाग के डीएफओ सौरभ चंद्रा ने एबीपी न्यूज से कहा कि 22 हाथियों के झुंड से बिछड़े इस हाथी को जंगलों की ओर भेज दिया गया है. इसे वन विभाग एक रणनीति के तहत अपनी टीम के जरिये टुंडी में स्थित हाथियों के झुंड में मिला देगी. ताकि झुंड के साथ रहकर ये शांति से विचरण कर सके.
हाथी के चपेट में आने पर मुआवजा
डीएफओ के मुताबिक हाथी के चपेट में आने से किसी की मौत होती है तो उसे चार लाख मुआवजा देने का प्रावधान है. विभाग तत्काल 25 हज़ार रुपये नकद पीड़ित परिवार को देती है. इसके अलावे घर के ध्वस्त या फिर फसलों के नुकसान का भी भरपाई वन विभाग करती है.
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