पटना: एलजेपी में चल रही खींचतान के बीच गुरुवार को पशुपति पारस को उनके गुट ने पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया. सूरजभान सिंह के आवास पर बैठक और नामांकन की प्रक्रिया हुई, जिसके बाद शाम करीब 5:30 बजे पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस कर खुद इस बात की जानकारी दी. इस दौरान गुट के तरफ से बनाए गए कार्यकारी अध्यक्ष सूरजभान सिंह, तीनों सांसद वीणा देवी, महबूब अली कैसर और चंदन सिंह मौजूद रहे.


केंद्रीय मंत्री बनाए जा सकते हैं पारस 


पीसी के दौरान पत्रकार दीर्घा की तरफ से किए गए कुछ सवालों का जवाब देते हुए पशुपति पारस ने स्पष्ट संकेत दिया कि वो केंद्रीय मंत्री बनाए जा सकते हैं. दरअसल, सांसद पशुपति कुमार पारस तीन दिनों पहले अपने भतीजे चिराग पासवान को पहले संसदीय दल के नेता और बाद में अध्यक्ष पद से हटा चुके हैं. पार्टी संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने ये फैसला लिया था.


उन्होंने कहा कि एलजेपी के संविधान के मुताबिक एक व्यक्ति एक ही पद पर रह सकता है. इसी को लेकर आज पीसी में जब एबीपी न्यूज ने पशुपति पारस से पूछा कि जब भतीजे चिराग पासवान के लिए संविधान है तो खुद पारस दो-दो पद पर कैसे होंगे? पारस खुद संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर पार्टी के संविधान का कैसे पालन करेंगे?


मंत्री बनने पर छोड़ दूंगा पद


इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘जब मंत्री बनूंगा तो संसदीय दल के नेता के पद से इस्तीफा दे दूँगा’. उन्होंने कहा कि उस स्थिति में किसी और को ये ज़िम्मेदारी दी जाएगी यानि उन्होंने मंत्रीपद के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं. गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा शुरू होने के बाद से ही एलजेपी में चाचा-भतीजे के बीच की इस तनातनी ने जोर पकड़ लिया था.


सूत्रों की माने तो पशुपति पारस को मंत्रिमंडल में किसी अहम पद की ज़िम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि, मंत्रालय बंटवारे को लेकर अभी किसी तरह की बात पर मुहर नहीं लगी है.


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