Bihar News: बिहार में बढ़ाए गए आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डालने की मांग लगातार पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) कर रहे हैं. शुक्रवार (02 अगस्त) को भी तेजस्वी यादव ने जब प्रेस वार्ता की तो उन्होंने इसे फिर से दोहराया. इस पर बीजेपी कोटे के मंत्री जनक राम (Janak Ram) ने बड़ा बयान दिया है. जनक राम से पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार बिहार में बढ़ाए गए आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालेगी? इस पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी, सीएम नीतीश कुमार बिहार के गरीबों के हित में जो भी निर्णय लेने की जरूरत होगी वह लेंगे.


'तेजस्वी यादव को जनता से मतलब नहीं'


मंत्री जनक राम ने कहा कि बिहार में बढ़ाए गए आरक्षण के कोटे को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने की मांग कर तेजस्वी यादव जनता को गुमराह कर रहे हैं. अपनी सियासी रोटी सेंक रहे हैं. आरक्षण पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. सड़क पर उतरकर आंदोलन करने और पांच अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालने की बात कह रहे हैं. तेजस्वी बताएं कि आज तक कितने मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरे हैं? विधानसभा के मॉनसून सत्र में एक दिन भी वह सदन नहीं आए. जनता से उनको मतलब नहीं है.


एबीपी न्यूज़ से बातचीत में आगे जनक राम ने कहा कि बिहार में जातीय गणना सीएम नीतीश ने कराई थी. महागठबंधन सरकार में तो बीजेपी की भी सहमति थी. बिहार में 15 साल आरजेडी की सरकार थी. दस साल यूपीए की सरकार थी. क्यों नहीं उस समय जातीय गणना हुई? क्यों लालू यादव संविधान की नौवीं अनुसूची में डलवा पाए? आरजेडी के सत्ता में रहते हुए सिर्फ लालू परिवार को ही आरक्षण मिला. कितने अनुसूचित जाति जनजाति ओबीसी को आरजेडी की सरकार ने आरक्षण दिया? इस पर तेजस्वी जवाब दें.


बता दें बिहार में महागठबंधन सरकार में जातीय गणना बिहार सरकार खुद कराई थी. इसके बाद आरक्षण का दायरा बढ़ा था. 50 से 65% फीसद किया गया था, लेकिन पटना हाईकोर्ट की ओर से 65 फीसद आरक्षण पर रोक लगा दी गई. बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन वहां से भी झटका लग गया. तेजस्वी यादव मांग कर रहे हैं कि 65 प्रतिशत आरक्षण को केंद्र सरकार 9वीं अनुसूची में डाले.


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