Bihar Assembly: दीपावली से पहले पांच दिनों तक चलेगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र, क्या नीतीश कुछ बड़ा करेंगे!
Winter Session: बिहार सरकार के संसदीय कार्य विभाग द्वारा महामहिम राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर के नाम से पत्र जारी किया गया है. राज्यपाल ने वर्ष 2023 के शीतकालीन सत्र का घोषणा कर दिया है.
पटना: दीपावली के पटाखों की गूंज से पहले बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में हंगामे की गूंज सुनाई देगी. राज्यपाल ने वर्ष 2023 के शीतकालीन सत्र का घोषणा कर दिया है. बिहार सरकार के संसदीय कार्य विभाग द्वारा महामहिम राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर के नाम से पत्र जारी किया गया है जिसमें आगामी छह नवंबर से 10 नवंबर तक शीतकालीन सत्र चलने की तिथि निर्धारित की गई है. पांच दिनों का विधानसभा सत्र होगा, जिसमें पहले दिन छह नवंबर को राजपाल का अभिभाषण होगा और अगर किसी माननीय की मृत्यु हो गई है तो उनकी शोक सभा होगा. इसके बाद 7, 8, 9 और 10 नवंबर को विधानसभा और विधान परिषद में सदन की कार्यवाही चलेगी.
जाति आधारित गणना पर होगी चर्चा
शीतकालीन का सत्र भले ही मात्र पांच दिनों का है, लेकिन हंगामेदार होने के आसार हैं. इसी सत्र में जाति आधारित गणना को पटल पर रखने की बात होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले ही यह संकेत दे दिया था कि विधानसभा में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट को रखा जाएगा और इस पर चर्चा की जाएगी. सभी दलों से सदन में राय ली जाएगी. अब देखना है कि विपक्ष सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देता है या पांच दिनों का छोटा सत्र हंगामे का भेंट चढ़ जाएगा.
हंगामेदार हो सकता है सत्र
बता दें कि बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद संख्या के आधार पर आरक्षण की मांग हो रही है. इसको लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है. इसके साथ ही विपक्ष इस रिपोर्ट को लेकर ही सवाल उठा रहा है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी की थी, जिसमें विपक्ष के नेताओं ने कई सुझाव दिए थे. वहीं, शीतकालीन सत्र में जातीय गणना की रिपोर्ट पर बहस होने की संभावना है. इसको लेकर सरकार सदन में अपनी बात रख सकती है.