गया: जिले के नैली पंचायत के पूर्व मुखिया के बेटे तरुण यादव पर लगाए गए गैंगरेप के आरोप झूठे साबित हुए हैं. पैसों की उगाही के लिए अधिवक्ता ने गैंगरेप की साजिश रची थी, जिसका जांच के दौरान खुलासा हो गया है. मालूम हो कि 12 अगस्त को मुफस्सिल थाना क्षेत्र की एक महिला ने जमीन दिखाने के नाम पर तरुण यादव और एक अन्य पर ब्रह्मयोनि पहाड़ के समीप पुराने घर में ले जाकर गैंगरेप करने की प्राथमिकी महिला थाना में दर्ज कराई थी.
महिला ने खुद कबूल की ये बात
प्राथमिकी दर्ज करने के बाद महिला थानाध्यक्ष ने मामले की जांच शुरू की. जांच के क्रम में यह खुलासा हुआ कि महिला को 10 हजार रुपये का लालच देकर फर्जी केस कराया गया था. महिला ने थानाध्यक्ष के सामने कबूल किया कि अधिवक्ता श्रवण कुमार ने गैंगरेप की पूरी साजिश रची थी. झूठा केस करने के एवज में 10 हजार रुपये देने का लालच दिया गया था. बता दें कि मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने गया कोर्ट में महिला का 164 का ब्यान दर्ज कराया था. साथ ही उसका मेडिकल जांच भी कराया गया था.
बदनाम करने की नियत से कराया केस
महिला थानाध्यक्ष रवि रंजना ने बताया कि गैंगरेप मामले के अनुसंधान के क्रम में यह बात सामने आई है कि अधिवक्ता के बहकावे और पैसों के लालच में आकर गैंगरेप का झूठा केस दर्ज कराया गया था. वहीं, महिला को उसके पति के साथ उसके घर झारखण्ड भेज दिया गया था.
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के दौरान पूर्व मुखिया के बेटे का दुष्प्रचार करने को लेकर अधिवक्ता द्वारा यह घिनौनी साजिश रची गयी थी. इस बार पूर्व महिला मुखिया की बहू चुनावी मैदान में आने वाली है. ऐसे में विरोधियों द्वारा उन्हें बदनाम करने की योजना बनाई थी. फिलहाल पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर लिया है. वहीं, अधिवक्ता के पीछे कौन मास्टरमाइंड है, इसकी छानबीन की जा रही है.
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