बिहार का अजूबा गांव! अपनी हाइट को लेकर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं यहां के लोग, आप भी जानकर रह जाएंगे दंग
Bihar News: इस गांव में 90 प्रतिशत लोगों की लंबाई छह फीट से ज्यादा है. यहां के 600 लोगों की औसतन लंबाई छह फीट तीन इंच से लेकर छह फीट नौ इंच तक है.
बेतियाः अक्सर लोग अपनी हाइट को लेकर सोचते हैं. कोई कम हाइट के चलते तो कोई ज्यादा लंबाई होने को लेकर परेशान है. आज आपको बिहार के एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लोगों की हाइट इतनी है कि पुरुषों को फायदा होता है तो लड़कियों को कभी-कभी परेशानी होने लगती है. आप भी जानकर दंग रह जाएंगे. आइए बिहार के इस चर्चित गांव के बारे में जानते हैं.
दरअसल, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले का एक ऐसा गांव है जहां के 90 प्रतिशत लोगों की लंबाई छह फीट से ज्यादा है. यहां के 600 लोगों की औसतन लंबाई छह फीट तीन इंच से लेकर छह फीट नौ इंच तक है. यह गांव पश्चिम चंपारण के लौरिया स्थित नंदनगढ़ के पीछे बसा हुआ है. इस गांव में करीब 250 घर है जिसकी आबादी 1400 के आसपास बताई जा रही है. इस इस गांव में पुरुष ही नहीं बल्कि लड़कियों की भी लंबाई महिलाओं से ज्यादा है.
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लड़कों को मिल जाता है फायदा
अब आते हैं हाइट को लेकर फायदे और नुकसान की बातों पर. यहां के पुरुष अपनी लंबाई के कारण कई तरह के फायदे उठा लेते हैं. वहीं लड़कियों की ज्यादा हाइट होने से कई तरह के परेशानी भी झेलनी पड़ती है. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि ज्यादा लंबाई होने के कारण यहां के ज्यादातर बच्चे सेना में जाने के लिए तैयारी करते हैं और सेना में भी कार्यरत हैं. वहीं ज्यादा लंबाई होने के कारण लड़कियों की शादी में परेशानी होती है.
यहां के लोगों ने बताया कि लगभग एक दर्जन से ज्यादा युवा सेना में तैनात हैं और देश की सेवा कर रहे हैं. सेना में तैनात भगवंत सिंह, झुनझुन सिंह, धनंजय सिंह, मुन्ना सिंह, रिंकू सिंह, गोपाल सिंह, रुपेश सिंह, विपिन सिंह, दीपेंद्र सिंह सहित इस गांव के एक दर्जन से भी ज्यादा युवा देश की सेवा में जुट हुए हैं.
बताया जा रहा है कि यहां के 120 बच्चे सेना में जाने के लिए प्रतिदिन सुबह चार बजे के बाद ग्राउंड मैदान में दौड़ते नजर आते हैं. पश्चिम चंपारण के मरहिया गांव के 250 घरों में कुल 1400 के आसपास की आबादी रहती है. इसमें 100 घर राजपूतों की है और 650 से अधिक राजपूत परिवार के लोग रहते हैं
बिहार के सिवान से आए थे यह लोग
स्थानीय लोगों ने बताया कि मूल रूप से ये लोग बिहार के सिवान हलुआर पीपरा गांव के कौशिक वंशीय राजपूत हैं. पांच पीढ़ियों से पश्चिम चंपारण के मरहिया गांव में रहते हैं. निपुण सिंह ने बताया कि उनके परिवार में लंबा होना पूर्वजों से विरासत में मिली है.
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