गया: कोरोना महामारी की वजह जिले में इस बार विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का आयोजन नहीं होगा. राज्य सरकार ने पितृपक्ष मेला स्थगित कर दिया है. सूबे के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने यह निर्णय लिया है. मालूम हो कि प्रत्येक वर्ष इसी विभाग की ओर से पितृपक्ष मेला का आयोजन किया जाता है, जहां देश-विदेश से लाखों की संख्या में हिन्दू धर्मावलम्बी यहां आते हैं और अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए कर्मकांड और पिंडदान करते हैं.


बता दें कि इस वर्ष 2 सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू होने वाला था, लेकिन कोरोना की वजह से मेला का आयोजन नहीं किया जाएगा. विभाग ने बताया कि, "कोविड-19 के कारण पितृपक्ष मेले में आने वाले पिंडदानियों द्वारा सोशल डिस्टेंस के अनुपालन में होने वाली कठिनाईयों और संभावित संक्रमण को देखते हुए मेला स्थगित करने का निर्णय लिया गया है."


मालूम हो कि गया में पूरे साल पिंडदान के लिए देश-विदेश से सनातन धर्मावलम्बी आते रहते हैं. लेकिन 15 दिनों के इस पितृपक्ष मेला के दौरान लाखों पिंडदानी यहां आकर अलग-अलग पिंडवेदियों पर अपने पितरों के मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान, तर्पण आदि करते हैं.


हालांकि मेला का आयोजन नहीं होने से पिंडदान से जुड़े पंडा, ब्राह्मण और छोटे व्यवसायियों को काफी नुकसान हुआ है. 15 दिनों के इस पितृपक्ष मेले से साल भर की कमाई होती है और लोग इसका इंतजार करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना ने सबके इंतजार पर पानी फेर दिया है. चूंकि पंडा समाज पूर्ण रूप से पितृपक्ष मेला पर ही निर्भर है. इसी 15 दिनों की कमाई से साल भर उनका खर्च चलता है.