पटना: दिल्ली में नए संसद भवन के सामने महापंचायत में शामिल होने जा रहे पहलवानों और पुलिस के बीच रविवार को झड़प (Wrestler Protest) हुई. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बीजेपी (BJP) सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) और रेसलर के बीच इस विवाद पर कहा कि खिलाड़ियों की मांग है तो मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. निष्पक्ष जांच का एक मानक मापदंड ये होता है कि जिस व्यक्ति पर आरोप लगा है, व्यक्ति आरोपी है या नहीं, इसका फैसला तो जांच के बाद ही होगा, लेकिन उस व्यक्ति को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.


'लालकृष्ण आडवाणी ने दिया था इस्तीफा' 


प्रशांत किशोर ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह की पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने हवाला केस में डायरी में नाम आने पर ही अपना इस्तीफा दे दिया था. उनका कहना था कि पहले इस मामले की जांच हो जाए फिर मुक्त होकर वापस आऊंगा. इस मामले में तो भारत के बड़े-बड़े खिलाड़ियों ने आरोप लगाए हैं तो इस आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए. दरअसल, महिला रेसलर ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाई है और वे उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से धरना दे रही थीं.


झड़प के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया था


बता दें कि बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप है. विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित प्रदर्शनकारी पहलवानों को रविवार को दिल्ली पुलिस ने तब हिरासत में ले लिया जब उन्होंने नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करते हुए सुरक्षा घेरा तोड़ दिया. पुलिस ने महापंचायत बुलाने की इजाजत नहीं दी थी. सुरक्षा घेरा तोड़कर ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून और व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने कई पहलवानों को हिरासत में ले लिया था. इस दौरान झड़प भी हुई थी.


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