पटना: दिसंबर का महीना है और आज 22 तारीख है. नए साल में शेष नौ दिन रह गए हैं. नए साल का काउंटडाउन अब स्टार्ट भी हो चुका है. ऐसे में साल 2022 में क्या कुछ हुआ और क्या कुछ खास रहा हम इसके बारे में इस लेख में जिक्र करेंगे. बिहार की सियासत में पूरे साल हलचल रही आखिर में तो भूचाल तक आ गया जिसने केंद्र तक को हिला दिया था. देखा जाए तो बिहार के नेताओं के बयान देश भर में चर्चा का विषय बने रहते हैं.


साल 2022 में कुछ नेताओं के बयानों पर खूब विवाद छिड़ा. मुख्यमंत्री से लेकर आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी के नेताओं ने कई तरह के विवादित बयान दिए. इसमें कुछ सुर्खियां बन गई जिसे पूरे साल याद रखा जा सकता है. आइए जानते हैं पांच ऐसे बयानों के बारे में जिसने बिहार में विवाद खड़ा कर दिया था. एक को तो मंत्री पद की कुर्सी तक से हाथ धोना पड़ गया.


पांच विवादित बयान


1. ‘कृषि विभाग के लोग चोर हैं मैं उन चोरों का सरदार’-सुधाकर सिंह (आरजेडी विधायक बिहार के पूर्व कृषि मंत्री)


बिहार के पूर्व कृषि मंत्री अपने बयानों की वजह से ही पूर्व हो गए. महागठबंधन सरकार बनने के बाद उन्होंने शपथ ली और बिहार में कृषि मंत्री का पदभार संभाला. सितंबर में कैमूर में अपने किसान संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने अपने ही विभाग के सरकारी लोगों को चोर बताया था और खुद को उन चोरों का सरदार कहा था. उनका बयान था कि कृषि विभाग के लोग चोर हैं और वो उन चोरों के सरदार हैं. उनके ऊपर भी और कई सरदार मौजूद हैं. सरकार वही पुरानी है और इसके चाल-चलन भी पुराने हैं. ऐसे में जनता को लगातार आगाह करना होगा”. ये बयान देते ही आरजेडी, जेडीयू समेत सात पार्टी वाली महागठबंधन में भूचाल मच गई. विवादों का दौर शुरू हुआ और सुधाकर सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. बता दें कि सुधाकर आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं. 


2.’तुम लोग गंदा काम रहे हो... शराबी हो’- नीतीश कुमार (बिहार के मुख्यमंत्री)


ये ज्यादा दिन पुरानी बात नहीं है. हाल ही में दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान दूसरे दिन ही नीतीश कुमार ने बीजेपी पर भयानक गुस्सा दिखाया. नीतीश ने कहा कि तुमलोग शराबी हो गए है. पूरे बिहार में गंदा काम कर रहे हो. सदन में विपक्ष ने बिहार में जहरीली मौत के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को घेरा था. इसी दौरान उनका गुस्सा फूटा और तिलमिलाते हुए बीजेपी को विस अध्यक्ष के सामने ही लताड़ दिया. नीतीश कुमार ने कहा कि “शराबी हो गए तुम लोग? तुम ही लोग गड़बड़ करवा रहे हो. सबको भगाओ यहां से …पूरी तरह से बर्बाद होंगे, कैसे जीते हो.” मुख्यमंत्री के इस बयान पर केंद्र के मंत्रियों ने भी प्रतिक्रिया दी और ये बयान सुर्खियों में आ गया.


3.’बिहार में पत्रकारों को नहीं मिलती शराब इसलिए सीएम के खिलाफ लिखते’ -ललन सिंह (जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष)


इनके दो बयान चर्चा में रहे. एक तो ललन सिंह ने पत्रकारों को लेकर एक विवादित बयान दिया था जो कि सुर्खियों में रहे. अगस्त में लखीसराय में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था कि बिहार में पत्रकार और अखबार नीतीश कुमार के खिलाफ लिखते हैं क्योंकि बिहार में शराबबंदी है. उनको यहां दारू नहीं मिल रही इसलिए वो ऐसा करते हैं. ललन सिंह ने कहा था “ मीडिया और अखबार वाले आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हैं क्योंकि उन्हें दारू पीने के लिए नहीं मिल रहा है. अब दारू पीने के लिए नहीं मिल रहा है तो क्या करें, अब मुख्यमंत्री बिहार की जनता को देखें या पत्रकारों की मौज-मस्ती को.” 


इसके अलावा ललन सिंह ने प्रधानमंत्री को डुप्लिकेट और बहरूपिया बोला था. इसे लेकर भी जमकर विवाद छिड़ा था. केंद्र के सभी मंत्री और बिहार बीजेपी के मंत्री उनसे माफी मांगने की बात बोली. ललन सिंह के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और काफी समय तक मुद्दा हॉट रहा. ललन सिंह ने कहा था “ नरेंद्र मोदी डुप्लीकेट ओबीसी प्रधानमंत्री हैं. वे घूम घूम कर खुद को पिछड़ा वर्ग का बताते हैं जबकि असल में वो ओबीसी नहीं डुप्लीकेट हैं. वह ढोंगी हैं. ललन सिंह के इस बयान पर बिहार और केंद्र की राजनीति खूब गरमाई थी.


4.’सीबीआई वालों की खुद की फैमिली बच्चे नहीं हैं क्या’- तेजस्वी यादव (बिहार के उपमुख्यमंत्री)


तेजस्वी यादव ने अगस्त में सीबीआई को लेकर एक बयान दिया था. कहा था कि सीबीआई वाले जिंदगी भर जॉब करेंगे क्या. उनकी खुद की फैमिली और बच्चे नहीं हैं. कभी तो रिटायर करेंगे न. तेजस्वी का ये बयान भी विवादित था. कई लोगों ने इसपर प्रतिक्रिया दी थी. तेजस्वी बोले थे कि “क्या जिंदगी भर अफसर ही रहेंगे, क्या रिटायर नहीं होंगे? उनका घर-परिवार नहीं है? क्या सत्ता में एक ही सरकार रहेगी? संवैधानिक संस्था का दायित्व मिला है तो उसे चुपचाप उसे निभाएं. 


5. ‘बिहार के अधिकारी नहीं सुनते तो बांस से मारो’-गिरिराज सिंह (केंद्रीय मंत्री)


केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मार्च 2022 में बिहार के अधिकारियों को लेकर एक विवादित बयान दिया था. बेगूसराय के किसी कार्यक्रम में मंच से उन्होंने कहा था कि “अगर कोई अधिकारी आपकी बात नहीं सुनता है तो दोनों हाथ से बांस उठाइए. उसकी पिटाई कर दीजिए. मुझे छोटी छोटी बात कहने की जरूरत नहीं है. ये आपका अधिकारी है”. गिरिराज के इस बयान पर भी जमकर विवाद छिड़ा था और वह काफी समय तक सुर्खियों में रहे थे. इसके अलावा भी कई सारे नेताओं के ऐसे बयान हैं जो कि सुर्खियों में रहे.


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