Year Ender: साल 2023 में बिहार का शिक्षा विभाग रहा सबसे चर्चित, केके पाठक के ये बड़े फैसले बन गए इतिहास
KK Pathak Decisions: शिक्षा विभाग में केके पाठक के आते ही हड़कंप मच गया. लगातार शिक्षा में सुधार के लिए कई तरह के निर्देश वो देते रहे. पढ़िए क्या-क्या हुआ.
पटना: बिहार सरकार का शिक्षा विभाग 2023 के लिए सबसे चर्चित रहा है. चाहे एक्शन की बात हो या फिर नौकरी की, इन दोनों मामलों शिक्षा विभाग आगे रहा है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के कई फैसले एतिहासिक बन गए. शिक्षा विभाग ने एक साथ एक लाख 20 हजार 336 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया. बिहार सरकार के इतिहास में यह पहला कदम था. पढ़िए केके पाठक और शिक्षा विभाग से जुड़ी कुछ बड़ी बातें.
शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के निर्णय पर कैबिनेट में 120000 शिक्षकों की बहाली के लिए मंजूरी मिली. उस वक्त शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार थे, लेकिन जब शिक्षकों की बहाली की बात आई तो शिक्षा में सुधार भी होना अति आवश्यक था. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शिक्षा विभाग की कमान कड़क आईएएस केके पाठक को सौंपा गया. केके पाठक आठ जून 2023 को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव नियुक्त किए गए.
केके पाठक के आते ही मच गया हड़कंप
शिक्षा विभाग में केके पाठक के आते ही हड़कंप मच गया. लगातार शिक्षा में सुधार के लिए कई तरह के निर्देश वो देते रहे. सबसे पहले एक जुलाई को उन्होंने सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट को हर दिन शाम में डायरेक्ट भेजने का निर्देश दिया. इसके बाद स्कूल में कौन शिक्षक कितने बजे आता है इस पर ध्यान दिया. उन्होंने हाजिरी के लिए सभी शिक्षकों को प्रिंसिपल को वीडियो कॉल करने का निर्देश दिया. इतना ही नहीं बल्कि समय पर मास्टर साहब स्कूल पहुंचें इसके लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और खुद केके पाठक स्कूलों का निरीक्षण करते रहे. जहां शिक्षकों की लापरवाही दिखी वहां त्वरित कार्रवाई की गई. वेतन तक रोकने का भी निर्देश दिया.
शिक्षकों को छुट्टी लेने पर उन्होंने कड़े निर्देश दिए. बिना आवेदन किसी को छुट्टी नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं उन्होंने निर्देश दिया कि व्हाट्सएप पर आवेदन नहीं लिए जाएंगे. उन्हें लिखित आवेदन स्कूल में जाकर जमा करना होगा. केके पाठक ने शिक्षक ही नहीं छात्रों पर भी शिकंजा कसा. जो छात्र सिर्फ एडमिशन कराकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे और स्कूल की योजनाओं का लाभ ले रहे थे उनका नाम स्कूल से काटने का निर्देश दिया.
केके पाठक ने यह भी निर्देश दिया कि सुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक मास्टर साहब स्कूल में रहेंगे. इस निर्देश का पालन बिहार के स्कूलों में किया भी जा रहा है. मास्टर और शिक्षकों के अलावा शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों पर भी उन्होंने नकेल कसा है. हाल ही में उन्होंने निर्देश दिया है कि रविवार को भी प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर के सभी शिक्षा पदाधिकारी मुख्यालय पहुंचेंगे और पूरे सप्ताह का ब्योरा देंगे. इस पर अमल भी किया जा रहा है.
छुट्टियों की कटौती को लेकर भी रही चर्चा
वहीं शिक्षा में सुधार लाने के लिए केके पाठक ने स्कूल में कई छुट्टियों को भी रद्द करने का काम किया. कई छुट्टी जैसे रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और कई ऐसे त्यौहार जिस दिन छुट्टी रहती थी उसमें कटौती हुई लेकिन काफी विवाद हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेता आमने-सामने हुए. इसके बाद निर्देश रद्द करना पड़ गया.
यह भी पढ़ें- New Year 2024: पटना जू और ईको पार्क में एक जनवरी को बढ़ा रहेगा टिकट का दाम, मॉर्निंग वॉक, नौका विहार बंद