Bihar Bridge Collapse 2024: साल 2024 की विदाई होने में अब कुछ दिन शेष रह गए हैं. 2025 का आगमन होने वाला है, लेकिन 2024 की बिहार की चर्चित घटनाओं को अगर याद करें तो पुल गिरने का मामला सबसे पहले याद आता है. बिहार में इस साल कई जिलों में छोटे-बड़े मिलाकर दर्जन भर पुल गिरने के मामले सामने आए थे. एक दिन में 5-5 पुल तक गिर चुके हैं. बिहार में पुल गिरने की खबर सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बन गई थीं.


2024 में 2 मार्च को गिरा था पहला पुल


2024 में पुल गिरने के मामलों को अगर याद करें तो सबसे पहले 2 मार्च 2024 को सुपौल में कोसी नदी पर निर्माणाधीन बकौर-भेजा घाट पुल ढह गया था. भारत माला योजना के तहत इसका निर्माण हो रहा था. 1200 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा था.


इसके बाद 18 जून 2024 को अररिया जिले में बकरा नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया था. 22 जून को सीवान में गंडक नदी पर बना पुल जल में समा गया था. उसी के दूसरे दिन 23 जून को पूर्वी चंपारण में पुल गिरा था और 27 एवं 30 जून को किशनगंज में दो पुल धवस्त होने की घटना सामने आई थी.


सीवान और सारण में गिर गए पांच पुल


इस वर्ष की सबसे चर्चित तारीख तीन जुलाई रही. इस दिन सीवान और सारण जिले में एक ही दिन में पांच पुल गिर गए थे. इस घटना के बाद बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के विपक्षी दलों के नेताओं के निशाने पर सीएम नीतीश कुमार आ गए थे. जो 5 पुल गिरे थे उनमें पहला सीवान में तेघड़ा-टेवथा के बीच बना तीन पाया पुल था, जिसकी लंबाई 13 फीट और चौड़ाई आठ फिट थी. 35 वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके इसका निर्माण कराया था. दूसरा सीवान के ही महाराजगंज के देवरिया में तीन पाया का पुल गिरा था जिसकी लंबाई 30 फीट व चौड़ाई 12 फीट थी. ये पुल 2004 में करीब 10 लाख की लागत से तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह ने सांसद निधि से बनवाया था.


2004 में बना पुल भी गिरा


तीसरा सीवान में ही नौतन-सिकंदरपुर गांव के समीप बना तीन पाया वाला पुल गिरा था जिसकी लंबाई 15 फीट व चौड़ाई तीन फीट थी. उस पुल का निर्माण भी तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह ने अपनी सांसद राशि से 1998 में 6 लाख की लागत से करवाया था. चौथा पुल सारण जिले की दंदासपुर पंचायत की गंडकी नदी पर बना था जो गिर गया. करीब डेढ़ सौ साल पुराना ये पुल था.


पांचवे पुल की बात करें तो सारण जिले के लहलादपुर प्रखंड में ये ध्वस्त हुआ था. श्रीढोढ़ानाथ मंदिर के पास गंडकी नदी पर बना पुल पानी के तेज बहाव के कारण गिर गया था. इस पुल का निर्माण 2004 में 22 लाख की लागत से हुआ था जबकि इसके पास समानांतर जर्जर ब्रिटिश कालीन का पुल अभी तक खड़ा है.


वहीं 17 अगस्त 2024 को भागलपुर के सुल्तानगंज अगवानी गंगा पुल के पिलर 9 का सुपर स्ट्रक्चर गिर गया था. गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण ये घटना घटी थी. पिलर संख्या 9 और 10 के बीच का स्लैब के सेगमेंट के लिए बना स्ट्रक्चर नदी में समा गया था.


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