बिहार चुनाव: बिहार के चुनाव में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व का तड़का लगायेंगे. यूपी के मुख्यमंत्री 20 अक्टूबर से चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे. बीजेपी बिहार में कश्मीरी आतंकवादी से लेकर जिन्ना तक की एंट्री करा चुकी है. योगी देश भर में हिंदुत्व के ब्रांड माने जाते हैं. बीजेपी ने इसी फ़ार्मूले पर उनकी चुनावी सभायें तय की है. सीएम बनने के बाद से वे हर चुनाव में पार्टी की तरफ़ से स्टार प्रचारक बनाये जाते रहे हैं.


पीएम नरेन्द्र मोदी 23 अक्टूबर को सासाराम से चुनाव प्रचार का श्रीगणेश करेंगे. उससे ठीक तीन दिन पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कैमूर में पहली चुनावी रैली करेंगे. उसी दिन वे अरवल और रोहतास में भी जन सभायें करेंगे. इन इलाक़ों में बीजेपी के बाग़ी उम्मीदवारों ने एनडीए की चिंता बढ़ा दी है. ये यूपी से सटे इलाक़े हैं. योगी की छवि एक उग्र हिंदूवादी नेता की रही है. वे उन मुद्दों को उठाते हैं जिससे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण होता है. उनके कपड़े और हाव भाव हिंदूवादी समर्थकों को आकर्षित करते हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि वे अपने विरोधियों पर खुल कर हमला करते हैं.


बीजेपी ने हिंदुत्व का पिच तैयार कर रखा है


बीजेपी ने योगी के लिए पहले से हिंदुत्व का पिच तैयार कर रखा है. केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय कह चुके हैं कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो फिर कश्मीर के आतंकवादी यहीं शरण लेंगे. तेजस्वी यादव नहीं चाहते हैं कि ध्रुवीकरण हो. अगर बीजेपी इसमें कामयाब रही तो फिर नुक़सान महागठबंधन का तय है.


वैसे तो यूपी में भी उप चुनाव हो रहे हैं. लेकिन योगी आदित्यनाथ की तैयारी बिहार में ताबड़तोड़ रैलियां करने की है. वे क़रीब 18 सभायें करेंगे. एक दिन में कम से कम तीन. बीजेपी के साथ साथ जेडीयू के कई नेताओं ने अपने इलाक़े में योगी की रैली कराने की मांग की है. फ़ोकस उन जगहों पर योगी का कार्यक्रम कराने की है, जहां मोदी की रैली नहीं होगी. यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने सबसे पहले बिहार का दौरा किया था. उन्होंने दरभंगा के राज मैदान में रैली की थी. नीतीश कुमार उन दिनों लालू यादव के साथ थे. ये बात साल 2017 की है. तब योगी ने कहा था कि विदेशी मेहमानों को मुस्लिम प्रतीक नहीं हिंदुत्व से जुड़ी चीजें उपहार में दी जायेंगी.