पटना: यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) जेल से बाहर आ चुके हैं. तमिलनाडु में मजदूरों को मारे जाने की गलत न्यूज़ चलाने के मामले में मनीष कश्यप को तमिलनाडु से लेकर बिहार के जेलों में 9 महीने तक रखा गया. इसके बाद 21 दिसंबर को पटना हाई कोर्ट से मनीष कश्यप को बड़ी राहत मिली और उन्हें जमानत मिल गई. मनीष कश्यप को 21 दिसंबर को जेल से रिहा कर दिया गया. 9 महीने तक जेल में रहने के बाद मनीष कश्यप की आगे की रणनीति क्या होगी? और 9 महीने तक जेल में उनके दिन कैसे बीते? इन सब बातों का खुलासा मनीष कश्यप ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में की.
जेल में रखे जाने पर बोले मनीष कश्यप
9 महीने तक जेल में रखे जाने पर मनीष कश्यप ने कहा कि हमें तो कई जेलों में रखा गया. पहले तमिलनाडु से 450 किलोमीटर दूर मदुरै में रखा गया. काला पानी की सजा से भी ज्यादा कड़ी सजा हमें दी गई. मनीष कश्यप ने कहा कि संसद पर हमला करने वाले को उतनी कड़ी सजा नहीं मिलती है, आतंकवादी को उतनी कड़ी सजा नहीं मिलती है जितनी कड़ी सजा हमें दी गई. इसके बाद उन्होंने बेउर जेल में बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि हम किसी से नहीं मिलते थे, क्योंकि हमें ऐसी जगह रखा गया था, जहां कोई हमसे नहीं मिलता था, लेकिन मैं किताबों को जरूर पढ़ता था कुछ किताबें वहां मिलती थी कुछ किताब मैं बाहर से मंगवाता था.
उन्होंने कहा कि अटल जी की कविता खूब पढ़ा करता था. साथ ही हरिशंकर परसाई की किताबें भी मैं पढ़ता था, जिसमें उन्होंने बुद्धिजीवी वर्ग के बारे में लिखा है उसको मैं विशेष कर पढ़ता था.
नाम लिए बगैर तेजस्वी पर हमला
आगे बातचीत के दौरान यूट्यूबर ने बगैर नाम लिए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला. जब उनसे पूछा गया कि क्या कुछ हुआ था तो उन्होंने कहा कि मैं हमेशा गरीब मजदूर और शोषित लोगों की खबरें चलाता हूं और उनकी आवाज बनता हूं. मजदूर की बात थी इसलिए मैंने न्यूज़ चलाई. उससे पहले कई बड़े न्यूज़ मीडिया ने चलाई थी, लेकिन किसी के साथ कुछ नहीं हुआ और 2 मार्च को विधानसभा का सत्र चल रहा था, उससे पहले एक मार्च को बिहार के युवराज तमिलनाडु में केक काटने गए थे. इस दौरान हम पर यह सब कहानी रची गई.
राजनीति में एंट्री के सवाल पर मनीष का जवाब
मनीष कश्यप राजनीति में कदम रखेंगे या नहीं रखेंगे? इस सवाल पर पहले तो उन्होंने राजनीति में जाने पर इनकार किया, लेकिन उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से या संकेत दिया कि बीजेपी के साथ में जा सकते हैं. मनीष कश्यप ने कहा कि हम सनातन धर्म में पैदा हुए हैं और सनातन और हिंदू की बात हम शुरू के दौर से ही करते आ रहे हैं. और आज भी करते रहेंगे. जो सनातन को डेंगू और मलेरिया बताते हैं उनका हम सभी दिन विरोध के किए हैं और उसी का नतीजा हुआ है कि हमें जेल की सजा दी गई है.
'एक बेहतर बिहार बनाने का प्रयास करूंगा'
वहीं, आगे कश्यप ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और साथ में अटल बिहारी वाजपेयी की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि मैं फिर से वही काम करूंगा और मजदूर दबे कुचले लोग, छात्र, नौजवान और किसानों की आवाज बनकर आऊंगा और दशरथ मांझी ने जिस तरह पहाड़ के सीने पर छेनी हथौड़ी से काट कर रास्ता बनाए थे उसी तरह में बिहार के भ्रष्टाचार के सीने पे छेनी हथौड़ी से चीड़ कर मजदूर और किसानों के लिए एक बेहतर बिहार बनाने का प्रयास करूंगा.
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